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धन और साधन के बाद भी गंगा हो रही मैली

जागरण संवाददाता, उन्नाव : गंगा को निर्मल बनाने की मंशा से सरकार योजना बनाने और धन जार

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 01:01 AM (IST)
धन और साधन के बाद भी गंगा हो रही मैली
धन और साधन के बाद भी गंगा हो रही मैली

जागरण संवाददाता, उन्नाव :

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गंगा को निर्मल बनाने की मंशा से सरकार योजना बनाने और धन जारी करने में जितनी तत्परता दिखा रही, अफसर काम को धरातल पर लाने में उतनी ही सुस्ती दिखा रहे हैं। इसका एक नमूना गंगा के किनारे बसे 34 गांवों को लेकर बनी योजना है। गंगा में गंदा पानी बहा रहे इन गांवों में सालिड वेस्ट के निस्तारण के लिए दो माह पूर्व ही सोख्ता गढ्डे बनाने के लिए धन जारी कर दिया गया। कुंभ बीतने को है, मगर अभी तक गांवों में परिवारों का सत्यापन और सर्वे का काम ही अधूरा है। वित्तीय वर्ष खत्म होने में मात्र डेढ़ माह बचा है, ऐसे में जारी धन से योजना साकार हो सकेगी, इस पर संशय है।

नमामि गंगे परियोजना में इन गांवों को चयनित कुंभ से पहले ही स्वच्छ भारत मिशन को लिक्विड और सालिड वेस्ट निस्तारण के लिए धन आवंटित कर दिया गया था। स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम प्रभारी संजीव ने बताया कि धन का आवंटन गांवों में परिवारों की संख्या के आधार पर करना है। अभी सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद परिवार की संख्या के अनुसार बड़े सोख्ता गड्ढे बनाने के लिए ग्राम पंचायतों को धन दिया जाएगा। 17 गांवों का ही सर्वे हो पाया है।

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किस गांव को कितना मिलेगा धन

150 परिवार वाली ग्राम पंचायत---------7 लाख

150 से 300 परिवार ------12 लाख

300 से 500 परिवार -------15 लाख

500 से अधिक परिवार------20 लाख

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सर्वे में जुटाई जा रही ये सूचना

- गांव में कितने एपीएल और बीपीएल परिवार

- कितना गंदा पानी और सालिड वेस्ट निकलता है।

- कितने शौचालय और उनके सोकपिट बने हैं।

- पूरे गांव में कितना कचरा निकलता है और कहां फेंका जाता है।

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स्वच्छ भारत मिशन के तहत बजट है, लेकिन गाइड लाइन के अनुसार गांवों का सर्वे कराकर शासन से अनुमोदन लेने का निर्देश था। 17 गांवों का सर्वे हो चुका है। दो-तीन दिन में बाकी गांवों का पूरा हो जाएगा। मिशन निदेशक को रिपोर्ट भेजी जाएगी व अनुमोदन लेकर जल्द काम शुरू कराया जाएगा। फिलहाल गंगा में गंदा पानी न जाए, वैकल्पिक व्यवस्था कर तालाबों में पानी इकट्ठा कराया जा रहा है।

- आरपी यादव, डीपीआरओ


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