कटान की भेंट चढ़ा गढ़ेवा कानपुर मार्ग, आवागमन बंद
जागरण टीम उन्नाव बीघापुर तहसील के गांव गढ़ेवा के पास गंगा नदी में एक बार फिर तेजी से
जागरण टीम, उन्नाव : बीघापुर तहसील के गांव गढ़ेवा के पास गंगा नदी में एक बार फिर तेजी से कटान शुरू हो गई है। इस बार कटान पुल के करीब का भाग कटान की जद में आया है। इसी के साथ गढे़वा कानपुर जीटी रोड संपर्क मार्ग पर भारी व चौपहिया हलके वाहनों का आवागमन प्रशासन ने बंद करा दिया है। इस बीच एसडीएम अंकित शुक्ला ने कटान स्थल का निरीक्षण किया और लोक निर्माण विभाग को कटान रोकने का निर्देश दिये हैं। थाना बारा सगवर पुलिस ने कटान स्थल पर पहुंचकर खतरे को देखते हुये पुल पर फोर्स तैनात कर बैरीकेडिग करा दी है। उधर लोनिवि के कर्मचारी भी कटान स्थल पर पोकलैंड मशीन के साथ पहुंचकर कटान रोकने का प्रयास शुरू कर दिये हैं। कटान की जगह पर बबूल की झाड़ी व मिट्टी डालकर कटान रोकने का प्रयास किया जा रहा हैं।
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फिर से कटा मार्ग तो बढ़ेगी मुश्किलें
गंगा के बढ़े जलस्तर से पुन: शुरू हुई कटान से गढ़ेवा, पिपरासर, भागू खेड़ा, कर्मी, मलुहा खेड़ा, चंदन पुर विभोरा, टेड़ा, चिलौली, गिरिजा नगर आदि सैकड़ों गांवों के सामने आवागमन का संकट खड़ा हो जाएगा। वहीं प्रतिदिन रोजी रोटी के लिए कानपुर जाने वाले लोगों के सामने भारी समस्या खड़ी हो जाएगी।
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पानी रोकने के लिए बनाया बंधा, 25 किसानों की फसल डूबी
बांगरमऊ: गंगा नदी में अचानक पानी बढ़ने के बाद तेज हुई कटान के कारण खेतों तक पानी पहुंच गया। इसे ग्राम फरीदपुर कट्टर निवासी राजू शुक्ला व बड़क्के शुक्ला, ठाकुरियापुर निवासी नंदराम ने मिलकर पड़ोसी राजस्व ग्राम खैरुद्दीनपुर स्थित गंगा नदी के किनारे अपने 12 बीघा खेत, जिसमें आलू की फसल तैयार कर रहे हैं के किनारे शनिवार रात बुलडोजर मशीन से मिट्टी का ऊंचा बंधा बना डाला। इससे पानी का बहाव रुक गया और पड़ोसी ग्राम ठकुरिया पुरवा निवासी आदित्य, जगन्नाथ, ऊदन, तुलसी, विक्रम, मनोज, सोबरन, नन्हू, रामजी समेत दो 25 से अधिक किसानों की लगभग सौ बीघा तिलहनी और सब्जियों की फसल पानी में डूब कर बर्बाद हो गई। सुबह जब उन्हें बंधा के कारण फसल बर्बाद होने की सूचना मिली तो दोनों पक्ष मौके पर पहुंचे। जहां तनाव की स्थिति बनी रही। इस पर पुलिस ने मौके पर पहुंच बंधा खुलवा कर मामला शांत कराया।
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लाखों की फसलें डूबीं, किसान परेशान
फतेहपुर चौरासी: बढ़ते गंगा के जलस्तर के कारण सबसे अधिक समस्या का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। खेतों में पानी भर जाने से फसल सड़ने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे ही किसानों में मेडेलाल की सात बीघा खेत में लगी परवल, 18 बीघा, राजेश ने करीब 18 बीघा में परवल और इसी तरह सुल्तान यादव, करुणा, महावीर,रामकुमार, खुमानदास आदि की करीब सौ बीघा खेत में तैयार सब्जी व तिलहन की फसल जलमग्न हो गई है। अभी पानी बढ़ ही रहा है। जिसे देखते हुए किसानों को अब बाढ़ का अंदेशा लग रहा है। इससे वह घरों में रखा आनाज सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए यहां वहां भाग दौड़ कर रहे हैं। उधरगंगाघाट क्षेत्र की रेती में बोई गई खीरा, मूली, मिर्चा वधनियां की फसल डूब गई है। किसानों में हलीम आदि ने बताया कि लाखों का खीरा व अन्य सब्जियां डूब गई है।
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नाव का बिगड़ा संतुलन
फतेहपुर चौरासी: गंगा के जलस्तर बढ़ने के कारण लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं। रविवार को अचानक एक नाव का संतुलन बिगड़ गया और नाव पानी के तेज बहाव में काफी दूर तक बहती चली गई। इसके बाद उसे काफी दूर नाविकों ने संतुलित कर पाया। इससे थोड़ी देर तक नाव से आवागमन भी बंद रहा।
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परियर के आसपास लोगों को सता रहा बाढ़ का खतरा
- सदर तहसील के गांव परियर और उसके आसपास गंगा का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है। पानी परियर से सटे माना बंगला गांव के निकट पहुंच गया। जहां के निवासियों में बाढ़ के खतरा समझ आने लगा है। इस बीच गंगा की कछार में बसे गांव के लोगो में बाढ़ खतरा अधिक है। इसमें माना बंगला परियर के अलावा बाबू बंगला, पतियारा, बसधना, पनपथा, बंदनपुरवा, देवी पुरवा, कोलवा, जुड़ा पुरवा, बसधना आदि गांव के किसानों को बाढ़ का भय सताने लगा है।