जैविक खेती के लिए गोपालन पर दिया जोर
जागरण संवाददाता उन्नाव मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित सभागार में जैविक
जागरण संवाददाता, उन्नाव : मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित सभागार में जैविक खेती उत्पाद विपणन व्यवस्था विचार विनिमय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें जैविक खेती के लिए गोपालन को महत्वपूर्ण बताया गया तो साथ ही जैविक उत्पादन के लिए विपणन सेंटर खोलने पर जोर दिया गया।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेश कुमार प्रजापति ने दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम की शुरुआत की। साथ ही कहा कि जैविक खेती करने के लिए गाय वरदान है। गोबर और गोमूत्र से हमारे खेतों की उर्वरता बढ़ती है। एक ग्राम देसी गाय के गोबर से करोड़ों सूक्ष्म जीवाणु पाये जाते हैं। गोमूत्र एवं गोबर से जीवामृत, घन जीवामृत तैयार किया जाता है। जीवामृत, घनजीवामृत जब खेतों में पड़ता है तो करोड़ों सूक्ष्म जीवाणु जमीन में उपलब्ध तत्वों से पौधों के भोजन का निर्माण करते है। उन्होंने दलहनी फसलों की खेती करने के लिए किसानों को उत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जैविक खेती करने वाले किसानों के उत्पादन को विपणन हेतु एक सेंटर की स्थापना की जायेगी। कार्यशाला में प्रतिनिधि फार्मस के आशीष तिवारी ने जैविक खेती से उत्पादित उत्पाद को विपणन हेतु प्रोसेसिग, ग्रेडिग, पैकिग के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था जैविक उत्पादन के विपणन के लिए सहयोग करेगी। कार्यक्रम में कृषि, उद्यान, मंडी, बैंक, संबंधित विभाग के अधिकारी एवं बायोसर्ट कार्यकर्ता व किसान उपस्थित रहे। कल्पतरू जैविक कृषि फार्म नवाबगंज द्वारा जैविक उत्पाद की प्रदर्शनी भी लगायी गई। कार्यशाला में उप कृषि निदेशक डॉ. नंद किशोर ने बताया कि जैविक खेती करने हेतु गाय पालन बहुत जरूरी है। गाय के गोबर से जीवामृत, घनजीवामृत बनाकर जीवांश की मात्रा खेतों में बढ़ाएंगे। गाय पालन हेतु गोशाला से दो गाय मिलेगी तथा चारा व्यवस्था के लिए 1800 रुपये प्रति माह सरकार द्वारा दिया जाएगा। जिला उद्यान अधिकारी उन्नाव केके मिश्रा, जिला कृषि रक्षा अधिकारी विकास शुक्ला, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. पीके सिंह आदि मौजूद रहे।