मार्च से उन्नाव-रायबरेली रूट पर दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक ट्रेन
जागरण संवाददाता, उन्नाव : उन्नाव से सटे बालामऊ व ऊंचाहार रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ान
जागरण संवाददाता, उन्नाव : उन्नाव से सटे बालामऊ व ऊंचाहार रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ाने की कवायद दो माह में पूरी हो जाएगी। उत्तर रेलवे ने विद्युतीकरण और ट्रैक दोहरीकरण का कार्य तेज कर दिया है। उन्नाव-बीघापुर और रायबरेली से ऊंचाहार तक के सेक्शन में कार्य हो रहे हैं।
सिंगल ट्रैक होने के साथ ओएचई न होने से कानपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर उन्नाव से प्रयागराज का सफर यात्रियों के लिए ऊंचाहार तक मुश्किल भरा होता है। इस 140 किमी के रूट पर अभी ट्रेन डीजल इंजन से चलतीं हैं जिससे समय ज्यादा लगता है वहीं ट्रेनें सीमित होने से यात्री ऊंचाहार व प्रयागराज के लिए कानपुर सेंट्रल की ओर रुख करते हैं या फिर रोडवेज बसों में जाते हैं। इलेक्ट्रिक इंजन चलाने के लिए विद्युतीकरण और ट्रेनों की संख्या को बढ़ाने के लिए ट्रैक का दोहरीकरण कराया जा रहा है। काम पूरा कराने के लिए उप मुख्य विद्युत अभियंता आरके द्विवेदी को निर्देशित किया गया है। उन्नाव से बालामऊ और सीतापुर के बीच का कार्य इस सेक्शन का काम पूरा होते ही शुरू होगा।
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::::::::खास बातें::::::
- 1600 करोड़ रुपये है अनुमानित बजट
- 525 करोड़ से स्टेशन या हाल्ट पर फुट ओवरब्रिज बनेंगे।
बजट 2018 में मिली थी मंजूरी
रेल बजट 2018 में ट्रैक व विद्युतीकरण योजना को मंजूरी मिली थी। उन्नाव से प्रयागराज जाने वाले यात्रियों के सफर को सुगम बनाने के लिए उत्तर रेलवे ने उन्नाव से फाफामऊ (प्रयाग से छह किमी दूर) के बीच अप्रैल 2018 में काम शुरू कराया।
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प्रमुख हाल्ट क्रा¨सग पर केबिन
उन्नाव-ऊंचाहार रेल रूट पर ट्रेनों को नई रफ्तार के साथ ही हाल्ट की क्रा¨सग पर सुरक्षा-संरक्षा बढ़ेगी। कोरारी, कुल्हा हाल्ट, बीघापुर सहित तकिया, बैसवारा, रघुराज ¨सह, लालगंज की क्रा¨सग पर कार्य अंतिम चरण में हैं। यहां गेटमैन के लिए केबिन भी बनाए जा रहे हैं।
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30 किमी. प्रतिघंटा बढ़ेगी रफ्तार
मौजूदा समय में उन्नाव से प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों की चाल सुस्त है। सिंगल ट्रैक और ओएचई न होने के चलते डीजल इंजन से ट्रेन 80 किमी प्रतिघंटा से चलती हैं। इलेक्ट्रिक इंजन से रफ्तार 110 किमी प्रतिघंटा हो जाएगी।
कम लगेगा समय, मिलेगी राहत
उन्नाव से रायबरेली रूट पर डीजल इंजन वाली ट्रेनों में 54211-54153 रायबरेली पैसेंजर, ऊंचाहार एक्सप्रेस, कानपुर-प्रयागराज पैसेंजर, प्रयागराज इंटरसिटी एक्सप्रेस प्रतिदिन चलती हैं। ओएचई का काम पूरा होते ही ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ेंगी। अभी रायबरेली पैसेंजर को सफर तय करने में 4.50 घंटे का वक्त लगता है। ऊंचाहार व प्रयाग एक्सप्रेस करीब साढ़े पांच घंटे में गंतव्य तक पहुंचती हैं। इलेक्ट्रिक इंजन लगने के बाद यात्रियों का करीब पौन घंटा बचेगा।
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''ट्रैक दोहरीकरण का कार्य उन्नाव से फाफामऊ तक होना है। यात्रियों के सफर को सुगम बनाने के लिए कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं।- सतीश कुमार, डीआरएम