डीएसएन के प्रोफेसर की कोरोना से मौत, 63 मिले पॉजिटिव
जागरण संवाददाता उन्नाव कोरोना का कहर हर दिन बढ़ रहा है। संक्रमण का शिकार होने
जागरण संवाददाता, उन्नाव : कोरोना का कहर हर दिन बढ़ रहा है। संक्रमण का शिकार होने वालों को समुचित उपचार भी नहीं मिल पा रहा है। संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए जांच अभियान का दायरा भी बढ़ाया गया है। मंगलवार को 2426 लोगों की कोविड जांच की गई, जिसमें जिला कारागार के वाहन चालक व 14 बंदियों समेत 63 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। वहीं दूसरी तरफ डीएसएन कॉलेज के इतिहास विभाग के प्रोफेसर की लखनऊ में उपचार के दौरान मौत हो गई।
डीएसएन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मानवेंद्र सिंह ने बताया कि 50 वर्षीय प्रोफेसर की मियांगंज क्षत्र में सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगी थी। तीन दिन पूर्व जांच में वह कोरोना पॉजिटिव मिले थे। लखनऊ के रहने वाले थे इससे उन्हें लखनऊ के बलरामपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां सुबह उनकी मौत हो गई। सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार ने कहा लखनऊ जिले के पोर्टल में ही उनका नाम चढ़ा होगा। सीएमओ ने बताया कि मंगलवार को 63 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। जो संक्रमित मिले हैं उनमें शहर के मोहल्ला मोती नगर, पीडी नगर,आवास विकास कॉलोनी, आर्दश नगर, लोकनगर, जुराखन खेड़ा, गदन खेड़ा में मिलाकर 12 और शुक्लागंज में 12 और जिला कारागार में 15, रेलवे स्टेशन पर चार और रोडवेज बस स्टेशन पर मिले तीन कोरोना पॉजिटिव शामिल हैं। उन्होंने बताया अब तक जिले में 4,62,294 की कोविड जांच कराई गई है, जिसमें अब तक 5206 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। उनमें 4676 स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना से अब तक जिले में 94 लोगों की मौत हो चुकी है। वर्तमान समय में 436 एक्टिव केस हैं।
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कोरोना को हराकर 31 हुए स्वस्थ
- एक तरफ जहां कोरोना का हर दिन ग्राफ बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ कोरोना से स्वस्थ होने वालों की संख्या भी बढ़ी है। मंगलवार को 31 लोग कोरोना को हरा कर स्वस्थ हुए। एसीएमओ डॉ. एके रावत ने बताया कि जो स्वस्थ हुए हैं। उनमें 21 को सरस्वती मेडिकल कॉलेज कोविड हॉस्पिटल और 10 को होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज किया गया है।
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होम आइसोलेट संक्रमितों का नहीं पुरसाहाल
- कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही संक्रमितों के इलाज में भी लापरवाही की शिकायतें आम हैं। आलम यह है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों तक को कोविड हॉस्पिटल और होम आइसोलेशन के दौरान चिकित्सक पूछ तक नहीं रहे हैं।
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स्वास्थ्य कर्मियों में रोष
- यूपी मेडिकल एण्ड पब्लिक हेल्थ मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष उनके दो बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिले। एंटीजन किट से जांच हुई थी, लेकिन उनका नाम भी पोर्टल पर दर्ज नहीं किया गया। कर्मचारी नेता ने सीएमओ से शिकायत की उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। विभागीय कर्मियों के साथ उपेक्षा को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। संक्रमित कर्मचारी नेता ने डीएम और सीडीओ को मैसेज भेज शिकायत की है। उधर कर्मचारी नेताओं ने आक्रोश जताते हुए सुधार कराने की मांग की है।
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4322 लोगों को रिपेार्ट का इंतजार
- कोरोना जांच के लिए आरटीपीसीआर सैंपल की रिपोर्ट कई कई दिनों तक नहीं आ रही है। जांच रिपेार्ट में देरी के कारण कई वह लोग भी धूमा करते हैं जो कोरोना पज्ञॅजिटिव होते हैं। उनके संपर्क में आकर कोरोना संक्रमितों की संख्या भी बढ़ रही है। आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजे गए सैंपल में अभी 4322 की रिपेार्ट नहीं आई है।
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रेमडेसिविर इंजेक्शन में हो रहा खेल
- कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही संक्रमितों के इलाज के लिए सबसे अहम रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मरीजों के परिजनों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। बाहर मार्केट में भी यह इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। इसका लाभ उठा खेल किया जा रहा है।