Move to Jagran APP

जिले को जल्द ही मिलेंगे दो नए परिवार न्यायालय

जागरण संवाददाता, उन्नाव : दशकों से कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे परिवार वादों से जुड़े

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 08:39 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 08:39 PM (IST)
जिले को जल्द ही मिलेंगे दो नए परिवार न्यायालय
जिले को जल्द ही मिलेंगे दो नए परिवार न्यायालय

जागरण संवाददाता, उन्नाव : दशकों से कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे परिवार वादों से जुड़े लोगों को अब अधिक इंतजार नहीं करना होगा। इसे देखते हुए जिले में दो नए परिवार न्यायालय खोले जाने को संस्तुति दे दी गई है।

loksabha election banner

जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में एक मात्र प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय होने से इससे जुड़े वादों को निपटाने में सालों लग जाते थे। वहीं जिले में परिवार से जुड़े वादों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए पूर्व में जिला जज कोर्ट से परिवार न्यायालयों की संख्या बढ़ाने को शासन को पत्र भेजा गया था। इसके बाद दो नई न्यायालयों के लिए शासन व हाइकोर्ट से संस्तुति मिल गई है। संस्तुति मिलने से अब इन कोर्ट बनने का रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों की मानें तो एक न्यायालय को अभी जिला न्यायालय परिसर में खाली पड़े एक हाल में संचालित होगी। वहीं दूसरी कांशीराम कालोनी के पास स्थित भूमि में तैयार करवाकर शुरू करवाई जाएगी।

25 से 30 हजार वाद चल रहे पें¨डग

जानकारों की मानें तो जिले के 18 थाना-कोतवाली के अलावा एक महिला थाना में करीब 30 हजार मामले परिवार वादों से संबंधित चल रहे हैं। जिनकी सुनवाई के लिए अभी तक सिर्फ एक प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय ही जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में संचालित है। छह माह में शुरू हो सकती हैं कोर्ट

जानकारों की मानें तो जो परिवार न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में संचालित होनी है वह तो करीब दो से तीन माह में शुरू हो सकती है। वहीं दूसरी न्यायालय जो कांशीराम कालोनी स्थित भूमि पर बननी है उसे करीब छह माह का समय लग सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.