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डॉक्टर कक्ष से नदारद होन से मरीज रहे परेशान

उन्नाव महिला जिला अस्पताल में चिकित्सा सेवा बेपटरी है। अक्सर महिला डॉक्टरों के कक्ष खाली रहते हैं। मरीजों को डॉक्टर का घंटों इंतजार करना पड़ता है। मंगलवार को भी ऐसा ही हाल रहा। पूर्वाह्न 1130 बजे महिला अस्पताल के दोनों गायनकोलाजिस्ट के कक्षों की कुर्सी खाली पड़ी थी। फिल्टर क्लीनिक में जरूर डॉक्टर मौजूद थीं ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 11:55 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:19 AM (IST)
डॉक्टर कक्ष से नदारद होन से मरीज रहे परेशान
डॉक्टर कक्ष से नदारद होन से मरीज रहे परेशान

जागरण संवाददाता, उन्नाव : महिला जिला अस्पताल में चिकित्सा सेवा बेपटरी है। अक्सर महिला डॉक्टरों के कक्ष खाली रहते हैं। मरीजों को डॉक्टर का घंटों इंतजार करना पड़ता है। मंगलवार को भी ऐसा ही हाल रहा। पूर्वाह्न 11:30 बजे महिला अस्पताल के दोनों गायनकोलाजिस्ट के कक्षों की कुर्सी खाली पड़ी थी। फिल्टर क्लीनिक में जरूर डॉक्टर मौजूद थीं । ओपीडी में एक ही महिला चिकित्सक होने से फिल्टर क्लीनिक में सैकड़ों महिलाएं लाइन में लगी थीं। डॉक्टरों की अनुपस्थिति को लेकर महिलाओं ने रोष जताया, लेकिन उनकी सुनने वाला भी कोई नहीं था। बाल रोग विशेष ने किसी तरह समझा बुझाकर उन्हें फिल्टर क्लीनिक में दिखाने की सलाह देकर शांत कराया।

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मंगलवार को साढ़े 11 महिला अस्पताल ओपीडी में महिला चिकित्सकों के दोनों कक्षों में कुर्सी खाली पड़ी थी। लगभग एक सैकड़ा महिला मरीज जिनमें अधिकांश प्रसव संबंधी या स्त्रीरोगों से पीड़ित थीं। जिससे वह गायनकोलॉजिस्ट को दिखाने के लिए आई थी लेकिन एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। घंटों प्रतीक्षा के बाद मरीजों के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने शोरशराबा किया जिस पर बालरोग विशेषज्ञ ने समझा बुझा उन्हें शांत करा फिल्टर क्लीनिक भेजा। जहां डॉ. शिखा दुबे ने मरीज देखे। ओपीडी में मात्र फिल्टर क्लीनिक में ही महिला चिकित्सक होने से इस कक्ष में महिलाओं को लंबी लाइन लगानी पड़ी। डॉक्टर को दिखाने आई महिलाओं में राजवती , करुणा, साधना, किरन, रीतू आदि ने कहा कि 10:30 बजे से बैठी हूं पर कोई डॉक्टर देखने नही आया। व्यवस्था पर कड़ा रोष जताया। बालरोग विशेषज्ञ डॉ. रामखेलावन ने बताया कि सीएमएस डॉ. अंजू द्विवेदी ने 8 से 10 बजे तक स्वयं मरीज देखे उसके बाद पीपीसी एवं वार्ड राउंड पर चली गई। इसी बीच इमरजेंसी में सीजर करना पड़ा इससे यह समस्या हुई।

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डॉक्टरों की छुट्टी इलाज में बाधक

- सीएमएस डॉ. अंजू द्विवेदी ने बताया कि सात डॉक्टर हैं। दो डॉक्टर पहले से अवकाश पर हैं। एक का ऑफ था और एक नाइट ड्यूटी करके सुबह गई है। एक डॉक्टर की लेवररूम में ड्यूटी थी जबकि एक डाक्टर को नाइट में आना है इससे ओपीडी में मरीजों को समस्या हुई। उन्होंने कहा कि मैने 10:30 बजे तक स्वयं मरीज देखे उसके बाद इमरजेंसी के कारण पीपीसी और आपरेशन करने जाना पड़ा। उसके बाद मुख्य सचिव की वीसी में चली गई। बुधवार को डॉक्टरों की बैठक करूंगी। सीएमएस ने कहा सीएमओ को पत्र लिखकर ओपीडी के लिए महिला डॉक्टर मांगा था लेकिन वह भी नहीं मिली।


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