सीपीसीबी के अधिकारियों ने जांचा प्रदूषण
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जागरण संवाददाता, उन्नाव : कुंभ में तीन माह की बंदी के बाद 15 मार्च से दोबारा संचालित हुई फैक्ट्रियों द्वारा एक बार फिर से प्रदूषण को लेकर अंधेर मचाना शुरू कर दिया गया। जागरण ने 18 मार्च को इस मसले को उठाया, उसके दूसरे ही दिन सीपीसीबी और यूपीपीसीबी के अधिकारी उन्नाव पहुंचे और गंगा में गिरने वाले नालों को चेक किया साथ ही इन नालों के पानी का सेंपल भी लिया।
प्रयागराज में कुंभ के चलते प्रदेश सरकार और एनजीटी ने 15 दिसंबर से 15 मार्च तक जिले की सैकड़ों प्रदूषणकारी फैक्ट्रियों को बंद करवाया गया था। इसके बाद शासन ने इन्हें 15 मार्च से खोलने के आदेश दे दिए। बंदी से छूट मिलते ही यहां के उद्योग संचालकों ने अंधेर मचाना शुरू कर दिया। उद्यमियों की इस कारस्तानी को उजागर करते हुए दैनिक जागरण ने 18 मार्च के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके दूसरे दिन ही केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और उप्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी उन्नाव पहुंचे और जिले में जल और वायु प्रदूषण की स्थिति देखी। इसमें अधिकारियों ने जिले के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर वहां की फैक्ट्रियों से निकल रहे प्रदूषित पानी का सैंपल भी लिया। वहीं विभागीय अधिकारियों को प्रदूषण को लेकर एनजीटी और सरकार की मंशा बताते हुए फैक्ट्रियों और ट्रीटमेंट प्लांट की सख्त निगरानी करने के निर्देश भी दिए। बोर्ड के अधिकारियों ने लिए गए सेंपलों की जांच लैब में करवाने और इसकी रिपोर्ट आने पर ही कोई कार्रवाई किए जाने की बात कही। इस बारे में जिला प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विमल कुमार ने बताया कि टीम के सदस्यों ने औद्योगिक क्षेत्र के साथ लोनी व सिटी ड्रेन के पानी का भी सैंपल लिया है।