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आइसीयू वार्ड में जाने से रोकने पर किया हंगामा

जागरण संवाददाता, उन्नाव : शहर के कब्बाखेड़ा स्थित एक निजी अस्पताल के आइसीयू वार्ड में भर्ती म

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 08:46 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 08:46 PM (IST)
आइसीयू वार्ड में जाने से रोकने पर किया हंगामा
आइसीयू वार्ड में जाने से रोकने पर किया हंगामा

जागरण संवाददाता, उन्नाव : शहर के कब्बाखेड़ा स्थित एक निजी अस्पताल के आइसीयू वार्ड में भर्ती महिला को देखने के लिए बार-बार जाने से रोकने पर उसकी बेटी ने हंगामा कर दिया। काफी देर तक चले हंगामे को देख अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस के सामने युवती ने बताया कि अस्पताल कर्मियों ने भर्ती उसकी मां के गले में पड़ी सोने की चेन और कान के बाले गायब कर दिए हैं। पुलिस ने पूरा मामला समझने के बाद दोनों से वार्ता की और मामला शांत कराया। बाद में महिला को उसे परिजन शहर के किसी दूसरे अस्पताल में लेकर चले गए।

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माखी गांव निवासी गीता मिश्रा अपने बेटे सुमित के साथ बुधवार दोपहर बाइक से औरास थाना क्षेत्र के पुरथ्यावां गांव निवासी मामा उमेश शुक्ल के घर किसी काम से जा रही थी। रसूलाबाद गांव के पास दुर्घटना में मां-बेटे घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सुमित की हालात सामान्य हो गई। जबकि गीता की हालत नाजुक होने पर उसे शहर के सिविल लाइन स्थित उन्नाव मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने हालत गंभीर देख गीता को आईसीयू में भर्ती कर दिया। गुरुवार को महिला की बेटी प्रीती रोकने के बाद भी आईसीयू में जा रही थी। इस पर वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने उसे रोक दिया। विवाद बढ़ा तो किसी ने महिला को ऐसा करने पर आईसीयू से बाहर निकालने की बात कही। यह सुनते ही प्रीती भड़क गई। उसने हंगामा करते हुए चीखना शुरू कर दिया। काफी देर तक चले विवाद के बाद अस्पताल प्रशासन ने घटना की सूचना पुलिस को दी। कुछ ही समय बाद मौके पर पुलिस पहुंची। पूरा मामला दोनों पक्षों से वार्ता करके समझा। इस बीच महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि उसकी मां के गहने गायब कर दिए गए और पैसे की अतिरिक्त मांग कर रहे हैं, जबकि वह दे चुके हैं। इस पर अस्पताल प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज आदि चेक कराने और जमा व बकाया धन का लेखा जोखा पुलिस के सामने रखा। इस पर पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा बुझा कर मामला शांत कराया। जिसके बाद महिला को उसके परिजन किसी दूसरे निजी अस्पताल में लेकर चले गए। हालांकि इस बीच वहां मौजूद कुछ अराजकतत्वों ने अस्पताल में तोड़फोड़ करने का भी प्रयास किया लेकिन पुलिस की मौजूदगी के कारण ऐसा नहीं हो सका। दूसरी तरफ चर्चा बकाया बिल अदा करने के लिए की गई मांग को लेकर भी विवाद होने की रही। इस बाबत सदर कोतवाल अरुण कुमार द्विवेदी ने बताया कि महिला के परिजनों की ओर से अभी तक पुलिस में कोई तहरीर नहीं दी गई है। तहरीर मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी।


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