'बालिका वाटिका' से हरियाली की पुकार..बेटी बचाओ
जागरण संवाददाता उन्नाव पर्यावरण बचाने और ऑक्सीजन पाने के लिए वृक्षों को बचाना जितना जरूरी है
जागरण संवाददाता, उन्नाव :
पर्यावरण बचाने और ऑक्सीजन पाने के लिए वृक्षों को बचाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है बेटियों को बचाना। आखिर बेटी है तो कल है। बेटी बचाओं की पुकार अब हरियाली के जरिए भी गूंजेगी, 'बालिका वाटिका' के जरिए। महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने यह अनूठी पहल कानपुर-लखनऊ राजमार्ग पर आवास विकास बाईपास से शुरू की है। इसके अलावा विभाग ने सामाजिक संस्थाओं को साथ लेकर मुख्य चौराहों-तिराहों पर ऐसी ही वाटिका बनाने की ठानी है।
हरे-पेड़ पौधे 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' संकल्प लेकर लगाए जा रहे। बेटियों को जागरूक करने वाले जरूरी बिंदुओं को वाटिका की दीवारों पर पेंटिंग पर माध्यम से दर्शाया, बताया व समझाया गया है। बेटियों की आत्मरक्षा के लिए क्या जरूरी है। मनचलों से छुटकारा पाने व मुश्किलों में मददगार बनने वाली वूमेंस पावर हेल्पलाइन नंबर, पुलिस कंट्रोल नंबर और बालिकाओं को खुद की सुरक्षा के टिप्स विभिन्न चित्रों के जरिए दिए गए हैं। महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वाटिका का उद्देश्य नारी सशक्तीकरण है। पर्यावरण संतुलन के लिए क्या जरूरी है और क्या नहीं, इन सब बातों को समझाने का प्रयास भी वाटिका में पौधारोपण करके किया गया है। नगर पालिका परिषद के अलावा और भी कई महत्वपूर्ण विभागों के आपसी तालमेल से वाटिका को तैयार कराया जा रहा। जिला प्रोबेशन अधिकारी रेनू यादव के अनुसार उपचुनाव होने से आदर्श आचार संहिता लागू है। इसके समाप्त होने के बाद वाटिका का उद्घाटन होगा।
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हेल्प जंक्शन में पूरा चित्रण
वाटिका में अलग-अलग पेंटिंग की गई है। एक कॉर्नर हेल्प जंक्शन का है, जो बालिका-महिलाओं को समझा रहा है कि संकट में फंसने पर कैसे मदद मिल सकती है या दूसरों की मदद की जा सकती है। एक कॉर्नर में शिक्षा-विज्ञान के क्षेत्र को दर्शाया गया है। मिसाइलमैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, सदैव दूसरों के लिए जीने की प्रेरणा देने वालीं मदर टेरेसा सहित कई हस्तियों के चित्रों को भी जागरूकता का माध्यम बनाया गया है।
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इन जगहों का भी चयन किया गया
- सिविल लाइंस का निराला पार्क
- गदनखेड़ा बाईपास व मुख्य तिराहा
- स्कूल-कॉलेज के पास खाली स्थान
- सार्वजनिक स्थल और मुख्य मार्ग