मर्ज ठीक करने के बहाने नियम दरकिनार
जगरण संवाददाता, उन्नाव : प्रशासनिक, जिला स्तरीय अधिकारी, पुलिस और नगर निकायों के साथ-साथ स
जगरण संवाददाता, उन्नाव : प्रशासनिक, जिला स्तरीय अधिकारी, पुलिस और नगर निकायों के साथ-साथ सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में भी मर्ज ठीक करने के बहाने विद्युत उपयोग के मानकों को दरकिनार किया जा रहा है। इसमें विद्युत विभाग के अधिकारियों व प्राइवेट अस्पताल संचालकों की सांठगांठ से लाखों के वारे-न्यारे हो रहे हैं। जिले के सरकारी अस्पतालों में जमकर धांधली हो रही है। ज्यादातर में लोड के हिसाब से मीटर नहीं लगे हैं। इससे सरकार को रोजाना लाखों के राजस्व का चूना लग रहा है।
अस्पतालों में जब आम आदमी अपना मर्ज ठीक कराने की मंशा लेकर पहुंचता है तो उसे यह विश्वास होता है कि जो लोग उसका इलाज कर रहे हैं वह पूरी तरह से ईमानदार और विश्वास करने लायक हैं। लेकिन, यह लोग भी मर्ज ठीम करने के बहाने कई अहम नियम दरकिनार करने से बाज नहीं आ रहे। विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ से जिले के सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में विद्युत विभाग के मानकों को दरकिनार किया जा रहा है। कहीं पांच किलोवाट लोड पर अस्पताल संचालित हो रहे हैं तो कहीं बिना कनेक्शन और मीटर के ही अस्पतालों में ओपीडी से लेकर ऑपरेशन थियेटर तक चल रहे। यह सब विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा जिससे इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती और आम उपभोक्ताओं को इसका दंश झेलना पड़ता है।
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यह है सरकारी अस्पतालों की स्थिति
- भगवंतनगर पीएचसी में मीटर नहीं लगा, पोल से सीधे होती है सप्लाई।
- बीघापुर पीएचसी में सिर्फ 5 किलोवाट का कनेक्शन है, मीटर नहीं लगा।
- सीएचसी मियागंज में मीटर नहीं है।
- सीएचसी गंजमुरादाबाद में सिर्फ 3 किलोवाट का कनेक्शन है, मीटर नहीं है।
- असोहा सीएचसी में 25 केवीए का कनेक्शन मीटर है बिल बकाया नहीं है।
- पीएचसी सुमेरपुर में मीटर है नहीं।
- बिछिया सीएचसी में 10 किलोवाट का कनेक्शन है।
- हसनगंज सीएचसी में बिना मीटर के बिजली उपयोग होता है।
- लखनापुर सीएचसी में मीटर लगा है।
- नवाबगंज सीएचसी में 15 किलोवाट का कनेक्शन है, 20 लाख का बिल बकाया है।
- गंगाघाट पीएचसी में 10 किलोवाट का मीटर है, ठाकुरखेड़ा सीएचसी में 20 किलोवाट का मीटर है।
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तीन करोड़ दबाए हैं स्वास्थ्य अधिकारी
जिला महिला और पुरुष अस्पतालों पर विद्युत विभाग का करीब तीन करोड़ का बिल बकाया है। इसकी विभाग कई बार नोटिस भी भेज चुका है। अधिकारी बताते हैं कि अस्पताल होने के चलते लाइन काटने की कार्रवाई नहीं की जाती है। वहीं जिले भीर की सीएचसी व पीएचसी में भी करोड़ों का बकाया है।
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अस्पतालों में मांग के हिसाब से कनेक्शन दिया जाता है। उसी हिसाब से मीटर भी लगते हैं। समय-समय पर इसकी जांच भी होती है। अगर कहीं मीटर नहीं हैं तो इसे दिखवाएंगे। निजी अस्पतालों पर भी कार्रवाई होगी।
- आरके कृष्णानी, एक्सईएन, विद्युत वितरण खंड-प्रथम
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जो भी विद्युत बिल आता है उसके अनुसार शासन बजट की मांग की जाती है। बजट आने पर उसे भुगतान कर दिया जाता है। सीएससी व पीएचसी में मीटर लगे हैं या नहीं, कितने भार के लगे हैं इसकी जानकारी नहीं है।
- डा. लालता प्रसाद, सीएमओ