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रेमडेसिविर इंजेक्शन से लेकर फैबी फ्लू टेबलेट तक की कालाबाजारी

जागरण संवाददाता उन्नाव कोरोना को संक्रमण बढ़ने के साथ ही कोविड मरीजों के लिए जीवन र

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 06:37 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 06:37 PM (IST)
रेमडेसिविर इंजेक्शन से लेकर फैबी फ्लू टेबलेट तक की कालाबाजारी
रेमडेसिविर इंजेक्शन से लेकर फैबी फ्लू टेबलेट तक की कालाबाजारी

जागरण संवाददाता, उन्नाव : कोरोना को संक्रमण बढ़ने के साथ ही कोविड मरीजों के लिए जीवन रक्षक मानी जा रही आवश्यक दवाओं में रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबी फ्लू टेबलेट थोक और फुटकर बाजार से गायब है। कुछ दवा कारोबारी जिनके पास पहले से स्टाक था वह इसे मनमाने दाम पर बेंच रहे हैं। जाहिरा तौर पर भले ही इंजेक्शन कहीं नहीं मिल रहा है लेकिन दवा बाजार में गहरी पैठ रखने वाले लखनऊ-कानपुर के कारोबारियों से संपर्क साधर मुंहमांगी कीमत पर इंजेक्शन दिला रहे हैं लेकिन वह भी दो-चार से अधिक नहीं दे पा रहे हैं।

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लगभग एक माह से जिले की थोक और फुटकर मार्केट में रेमडेसिविर इंजेक्शन और फैबी फ्लू टेबलेट नहीं मिल रही है। थोक और फुटकर विक्रेताओं का कहना है कि इसकी सप्लाई नहीं मिल रही है महंगी दवा और बहुत कम बिकने के कारण कोई इसे स्टाक में नहीं रखता था। कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए यह टेबलेट और इंजेक्शन जीवन रक्षक माना जा रहा है। सरकारी और कोविड हॉस्पिटलों में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी है। इससे मरीजों की जान बचाने के लिए लोग किसी कीमत पर इंजेक्शन खरीदने के लिए भटक रहे हैं। शहर के एक सरिया विक्रेता ने बताया कि अपने साथी के लिए बड़ी मुश्किल से लखनऊ से 18 हजार प्रति इंजेक्शन की दर से तीन इंजेक्शन खरीद पाया। फैबी फ्लू टेबलेट का भी यही हाल है। यह एक मामला तो उदाहरण है सैकड़ों लोग इंजेक्शन के लिए कानपुर लखनऊ की दौड़ लगा रहे हैं उनमें भी सफलता कुछ को ही मिलती है।

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निजी ऑक्सीजन विक्रेताओं ने शटर गिराए

- ऑक्सीजन सिलिडर के लिए तो मारी मारी है इसकी कोई कीमत नहीं है जिसे जिस कीमत पर मिले वह उसका सौभाग्य है। बाजार में निजी ऑक्सीजन विक्रेताओं की दुकानों के शटर गिर रहते हैं। जो जोड़ जुगत कर ले जाते हैं उन्हें सिलिडर मिल रहे हैं।

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जिला अस्पताल में भी ऑक्सीजन की किल्लत

- जिला अस्पताल में भी ऑक्सीजन का संकट पैदा होने लगा है। यहां इस समय औसतन प्रतिदिन 15-20 ऑक्सीजन सिलिडर की खपत हो रही है जबकि पूर्व में प्रतिदिन 4-5 सिलिडर की खपत होती थी। कार्यकारी सीएमएस डॉ. धीर सिंह ने बताया कि सप्लायर डिमांड के बाद भी तीन-चार दिन में सप्लाई दे रहा है वह भी दस से अधिक सिलिडर नहीं ला रहा। हकीकत यह है कि इमरजेंसी से लेकर कोविड आइसोलेशन यूनिट तक प्रतिदिन 25-30 ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें सांस लेने में परेशानी के कारण घंटों ऑक्सीजन देनी पड़ रही है। ऑक्सीजन को लेकर अक्सर तीमारदार हंगामा पर अमादा हो जाते हैं।


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