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पुलिस की मनमानी पर बिफरे भाजपाई

पहले अजगैन कोतवाल ने बिना जांच किए सुनियोजित ढंग से राजनीतिक दबाव में नगर पंचायत नवाबगंज अध्यक्ष के खिलाफ प्राणाघातक हमले का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस जांच में मुकदमा फर्जी मिला। नगर पंचायत अध्यक्ष ने कप्तान से मिलकर झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाले के खिलाफ कार्रवाई और फर्जी मुकदमा स्पंज करने की मांग की। कप्तान भड़क उठे और जनप्रतिनिधि से अपराधियों जैसी बातचीत कर बद सलूकी। कप्तान द्वारा की गई बदसलूकी से नगर पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख तथा भाजपाई भड़क उठे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 05:09 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 06:09 AM (IST)
पुलिस की मनमानी पर बिफरे भाजपाई
पुलिस की मनमानी पर बिफरे भाजपाई

जागरण संवाददाता, उन्नाव : पहले अजगैन कोतवाल ने बिना जांच किए सुनियोजित ढंग से राजनीतिक दबाव में नवाबगंज नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ प्राणाघातक हमले का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस जांच में मुकदमा फर्जी मिला। नपं अध्यक्ष ने कप्तान से मिलकर झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाले के खिलाफ कार्रवाई और फर्जी मुकदमा स्पंज करने की मांग की, तो कप्तान भड़क उठे और जनप्रतिनिधि को ही चेतावनी दे अपमानित कर दिया। पुलिस की मनमानी से बिफरे भाजपइयों ने गुरुवार को विधायकों के साथ डीएम से मिलकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। डीएम को ज्ञापन दे चेतावनी दी है कि अजगैन एसओ को निलंबित कर नपं अध्यक्ष पर दर्ज मुकदमा स्पंज किया जाए और फर्जी मुकदमा लिखने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो।

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नवाबगंज निवासी शांतिस्वरूप दीक्षित पुत्र प्रेमशंकर दीक्षित ने 12 जनवरी को नपं अध्यक्ष दिलीप लश्करी के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था। रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि नपं अध्यक्ष ने जान से मारने के लिए श्याम लाल इंटर कॉलेज के पास अपनी कार से टक्कर मार दी। जिससे की उसको काफी चोटें आई। जब वो इलाज कराकर घर पहुंचा तो घर पर आकर नपं अध्यक्ष और उनके साथी शिक्षक छोटू सिंह और फूलचंद ने जान से मारने की धमकी दी। नपं अध्यक्ष के अपना पक्ष रखने डीएम ने पुलिस को जांच करने का निर्देश दिया था लेकिन उसे भी दरकिनार कर पुलिस ने बिना जांच किए प्राणघातक हमले का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस की विवेचना में सर्विंलांस से मिले सबूतों के अनुसार नपं अध्यक्ष घटना के दिन नवाबगंज में मौजूद नहीं थे। पुलिस जांच में मामला फर्जी मिला। गुरुवार को नपं अध्यक्ष दिलीप लश्करी एसपी से मिलने पहुंचे। उन्होंने एसपी से मुकदमा स्पंज कराने, झूठी रिपेार्ट लिखने वाले पर मुकदमा दर्ज कराने और अजगैन कोतवाल को निलंबित करने की मांग की। यह मांग सुनते ही एसपी भड़क उठे और अपमानित करने वाले लहजे में चेतावनी दे दी।

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भड़के जनप्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से खोला मोर्चा

- एसपी द्वारा कार्रवाई की मांग पर जनप्रतिनिधि से अपमानित करने वाला रवैया अपनाने की जानकारी मिलने पर भाजपाई बिफर गए। गुरुवार को लोनिवि निरीक्षण भवन में सदर विधायक पंकज गुप्ता, सफीपुर विधायक बंबालाल दिवाकर के साथ ब्लाक प्रमुख अरूण सिंह व एक दर्जन नगर पंचायतों और बांगरमऊ नगरपालिका अध्यक्ष इजहार खां गुड्डू और पार्टी पदाधिकारियों ने बैठक की। उन्होंने सर्वसम्मति से निर्णय ले डीएम मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी। इस दौरान सदर विधायक ने स्पष्ट चेतावनी दी कि पुलिस की मनमानी और कार्यकर्ताओं के सम्मान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामलेकें डीएम देवेंद्र पांडेय ने एसपी से वार्ता कर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है। ज्ञापन देने वालों में ब्लाक प्रमुख संघ अध्यक्ष राजकुमार रावत, महामंत्री अरूण सिंह, सफीपुर, रसूलाबाद, कुरसठ,गंजमुरादाबाद, न्योतनी, औरास, पुरवा, नगर पालिका शुक्लागंज, उन्नाव, नगर पालिका बांगरमऊ आदि के अध्यक्ष तथा नगर भाजपा अध्यक्ष सुशील तिवारी, भाजयुमो अध्यक्ष प्रवीण मिश्र भानू, रामनरेश रावत, रामचंद्र कनौजिया सोनी शुक्ल, अनुराग अवस्थी आदि शामिल रहे।

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एसओ को पता था सच फिर भी लिखा मुकदमा

- मामले में अजगैन पुलिस की भूमिका शुरुआत से ही संदिग्ध रही। एसओ को भी पता था कि जिस समय की घटना बताई जा रही है, उस समय नपं अध्यक्ष दिलीप लश्करी कस्बा में नहीं थे। उन्होंने बातचीत में इसे स्वीकारा लेकिन उसके बाद भी मुकदमा दर्ज करना उनकी नियत पर ही सवाल खड़ा करती है।


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