सड़क पर न निकल सके भीम आर्मी के कार्यकर्ता
सरकारी नौकरियों में आरक्षण समाप्त करने के फैसला और सीएए-एनआरसी के विरोध में रविवार को भीम आर्मी ने जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन करने का प्रयास किया। लेकिन प्रशासन ने उन्हें सड़क पर नहीं निकलने दिया। अंबेडकर पार्क में ही घेराबंदी कर उन्हें रोक दिया। पार्क में भीम आर्मी के कार्यकर्ता काफीदेर तक जुलूस निकालने की जिद पर अड़े रहकर सरकार और प्रशासन विरोध नारे बाजी करते रहे। बाद में मौके पर मौजूद एसडीएम को ज्ञापन दिया।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सरकारी नौकरियों के प्रमोशन में आरक्षण के समर्थन और सीएए-एनआरसी के विरोध में रविवार को भीम आर्मी ने जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन करने का प्रयास किया, लेकिन प्रशासन ने उन्हें सड़क पर नहीं निकलने दिया। आंबेडकर पार्क में ही घेराबंदी कर उन्हें रोक दिया। पार्क में भीम आर्मी के कार्यकर्ता काफी देर तक जुलूस निकालने की जिद पर अड़े रहकर सरकार और प्रशासन विरोध नारेबाजी करते रहे। बाद में मौके पर मौजूद एसडीएम को ज्ञापन दिया।
रविवार को भीम आर्मी कार्यकर्ता न्यायालय भवन के सामने आंबेडकर पार्क में सुबह 10 बजे एकत्र हुए इसके बाद सीएए-एनआरसी के विरोध और सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण के समर्थन में जुलूस निकाल प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी। इसकी जानकारी मिलते ही भारी पुलिस बल ने पार्क की घेराबंदी कर ली। एसडीएम सदर दिनेश और सीओ सिटी यादुवेंद्र मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं को जुलूस निकालने के लिए मना कर दिया। जिस पर कार्यकर्ता पार्क मुख्य गेट पर खड़े हो सरकार और प्रशासन विरोधी नारेबाजी करने लगे। करीब एक घंटे तक विरोध प्रदर्शन चलता रहा। इस बीच सदर कोतवाल दिनेश मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस पार्क की घेराबंदी किए प्रदर्शनकारियों पर नजर गड़ाए रही। आलम यह था कि जितने प्रदर्शनकारी थे उससे दोगुना पुलिस बल था। पुलिस के तेवर देख भीम आर्मी कार्यकर्ता गेट से बाहर आने का साहस नहीं जुटा सके। आर्मी के जिलाध्यक्ष गिरीश कुमार रावत, जिला प्रभारी मुकेश कुमार ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को संबोधित ज्ञापन मौके पर मौजूद एसडीएम सदर को दिया। ज्ञापन में एससी-एसटी और पिछड़े वर्ग को नौकरी में प्रमोशन के लिए आरक्षण की हिमायत की और सीएए और एनआरसी को वापस लेने की मांग की गई है। प्रदर्शनकारियों में मोनू रावत, रविकुमार, अभिषेक, अरविद, आदि शामिल रहे।