उन्नाव: चार नवाचार से कार्बन शून्य बन रही भरथीपुर पंचायत, तालाब में मौजूद नीला हरा शैवाल ऐसे करता है काम
हर घर सौर ऊर्जा से रोशन है वहीं खाली जगहों पर प्राण वायु देने वाले बरगद व पीपल के लगाए गए हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रमुख चार नवाचारों पर काम किया गया है। दावा किया जा रहा है कि यह पहला कार्बन न्यूट्रल गांव बनने जा रहा है।
ब्रजेश शुक्ला/दिनेश दीक्षित, उन्नाव। ग्लोबल वार्मिंग का दंश झेलती दुनिया में कार्बन उत्सर्जन थामने की वैश्विक कवायद के बीच उन्नाव की एक ग्राम पंचायत ने अपने चार नवाचारों से इसे कर दिखाया है।
कोशिश ईमानदार हो तो कुछ भी असम्भव नहीं है, बीघापुर ब्लाक की भरथीपुर ग्राम पंचायत पर्यावरण संरक्षण का काम करके ये साबित भी किया है।
गांव का हर घर सौर ऊर्जा से रोशन है, वहीं खाली जगहों पर प्राण वायु देने वाले बरगद व पीपल के लगाए गए हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रमुख चार नवाचारों पर काम किया गया है।
2008-09 में तीन लाख की लागत से बनाए गए तालाब में नीले हरे शैवाल की मूल संस्कृति है, जो गांव के लिए सक्रिय कार्बन सिंक के रूप में कार्य करता है।
दावा तो यह किया जा रहा है कि प्रदेश में यह पहला कार्बन न्यूट्रल गांव बनने जा रहा है।
रित फाउंडेशन द्वारा किसानों को धान की फसलों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण सुनिश्चित करने के लिए तालाबों में नीले-हरे शैवाल का उपयोग करने के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
भरथीपुर को कार्बन शून्य बनाने के लिए पूरे गांव में पीपल, पकरिया, बरगद आदि के वृक्ष लगाए गए हैं। तालाब में एलगी और शैवाल पड़ी है जो कार्बन उत्सर्जन में सहायक हैं।
रात में बिजली रहे या न रहे, गांव सौर ऊर्जा से जगमग रहता है। इसके लिए बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट लगा है। 2500 की आबादी वाले गांव में जाने पर करीब दो किमी पहले से ही सड़क की दोनों पटरियों पर बड़ी तादाद में वृक्ष लगे दिखाई पड़ेंगे।
छोटे पेड़ों को गांव के मजदूर बबूल की झाड़ी से ढककर सिंचाई करते देखे जा सकते हैं। गांव से पांच सौ मीटर पहले मंदिर के पास बड़े तालाब के चारों तरफ भी पेड़ लगे हैं। इसके अलावा सभी छोटे-बड़े तालाबों के किनारे बहुतायत में बरगद व पीपल के वृक्ष हैं।
पूर्व प्रधान धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि 5100 बरगद व 5100 पेड़ पीपल के पेड़ और लगवाएं। अब तक वह करीब 2200 पेड़ लगवा चुके है।
वर्तमान में उनकी पत्नी सीमा सिंह प्रधान हैं, उनके मुताबिक उनका प्रयास है कि लोगों को शुद्ध हवा मिले। पेड़ लगवाना व साफ सफाई प्रमुख उद्देश्य है।
गांव शून्य कार्बन गांव के रूप में पूरे प्रदेश में जाना जाए, इस प्रयास में उनका गांव वाले भी साथ दे रहे हैं।
गांव वालों के सामूहिक प्रयास के चलते गांव में विकास कार्याें के लिए वर्ष 2010-11 में तत्कालीन सीडीओ ने प्रमाण पत्र भी दिया।
गांव में दो बिजली लाइनें
गांव में बिजली की दो लाइन दिखती हैं। एक लाइन विद्युत की और दूसरी सौर ऊर्जा की है। ग्राम में सोलर प्लांट की स्थापना 2013-14 में ओएमसी लिमिटेड द्वारा 52.17 लाख रुपये की लागत से की गई थी।
कंपनी ने पूरे गांव में बिजली विभाग के समानांतर सौर ऊर्जा लाइन खड़ी कर लोगों को उजाला देने का काम किया। इसका कनेक्शन लेने वालों को 15 किलोवाट का 100 रुपये प्रतिमाह भुगतान करना पड़ता है।
वर्तमान में करीब 150 परिवार इसका लाभ ले रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि शाम छह से रात 12 बजे तक सौर ऊर्जा का लाभ ले रहे हैं।
मिट्टी बहने से रोकता है चेकडैम
ग्राम पंचायत में एक चेकडैम है। इसका उपयोग ऊपरी मिट्टी को बहने से बचाने और मिट्टी की कार्बनिक क्षमता को संरक्षित करने के लिए किया गया है। विषय विशेषज्ञ रीत फाउंडेशन किसान पाठशाला का आयोजन कर लोगों को जानकारी दे रहा है।
गांव में और क्या-क्या
ग्राम में सुंदर पंचायत भवन है। वहां भी बरगद व पीपल के वृक्ष हैं। पूरे गांव में सीसी मार्गों को जाल बिछा हुआ है। गांव की साफ सफाई की बात ही अलग है। सफाई कर्मी के अलावा मजूदर भी लगाए गए हैं।
केंद्र की टीम ने देखा था भरथीपुर
दो वर्ष पूर्व भारत सरकार की एक टीम गांव आई थी। टीम के सदस्यों ने गांव में पौधारोपण सहित अन्य कामों को देखा था।
टीम ने जीरो प्रवाह कार्बन में अव्वल कामों के लिए गांव की प्रशंसा की थी। टीम ने यहां किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट भी सरकार को दी थी।
प्रदेश व भारत सरकार की ओर जीरो कार्बन वाली ग्राम पंचायतों को प्रमाणित व प्रोत्साहित करने का निर्देश है। भरथीपुर उनमें अव्वल है, जल्द ही प्रमाण पत्र दिया जाएगा। - ऋषिराज-सीडीओ
भरथीपुर गांव को कार्बन शून्य बनाने के बहुत सारे काम किए गए हैं, जिसके लिए संबंधित संस्था और ग्राम प्रधान को प्रोत्साहित करने के साथ पुरस्कृत भी किया जाएगा। भारत सरकार की टीम ने भरथीपुर में जीरो कार्बन के प्रयास देखे हैं। रिपोर्ट भी लेकर गये हैं। जिले से डीपीआर व प्रस्ताव मांगा गया है। डीपीआर व प्रस्ताव सरकार को जाने के बाद ग्राम पंचायत को प्रमाणित व पुरस्कृत करने का निर्देश आएगा। - अपूर्वा दुबे-डीएम