मंडल के सहायक अभियंता ने जांची रेलवे क्रॉसिंग
सहूलियत के बावजूद कानपुर-लखनऊ रेल रूट की ज्यादातर क्रासिग से जान जोखिम में डाल निकल निकल रहे वाहन सवारों की हकीकत को जांचने का कार्य मंडल के सहायक अभियंता द्वारा किया गया। सोमवार को वह लखनऊ से शुक्लागंज रेलवे क्रासिग का निरीक्षण करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने गेट के खुलने और बंद होने की रिपोर्ट तलब करते हुए संचार और सिग्नल व्यवस्थाओं को जांचा।
जागरण संवाददाता, उन्नाव: सहूलियत के बावजूद कानपुर-लखनऊ रेल रूट की ज्यादातर क्रॉसिग से जान जोखिम में डाल निकल निकल रहे वाहन सवारों की हकीकत को जांचने का कार्य मंडल के सहायक अभियंता द्वारा किया गया। सोमवार को वह लखनऊ से शुक्लागंज रेलवे क्रॉसिग का निरीक्षण करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने गेट के खुलने और बंद होने की रिपोर्ट तलब करते हुए संचार और सिग्नल व्यवस्थाओं को जांचा।
शुक्लागंज रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन आने-जाने के बाद गेट न खुलने की वजह से दो पहिया वाहन सवार से लेकर पैदल राहगीर गेटबूम के नीचे से निकलते हैं, इसमें उनकी जान का खतरा बना रहता है। जबकि रेलवे के ब्लाक और स्टेशन सेक्शन की क्रॉसिग को ऑपरेट करने की जिम्मेदारी तय है। बावजूद लापरवाह रवैया संबंधित विभाग के जिम्मेदारों द्वारा अपनाया जाता है। जागरण ने 18 जनवरी को 'खोलते नहीं गेट और न ही बजता सायरन' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। गेट सही है तो वह क्यों नहीं खोला जा रहा है, इस बात की पड़ताल करने के लिए मंडल के सहायक अभियंता (सिग्नल एंड टेलीकम्यूनिकेशन) अनुराग श्रीवास्तव सोमवार पूर्वाह्न बाद गंगाघाट रेलवे क्रॉसिग को जांचने पहुंचे। उन्होंने स्टेशन पर एसएनटी ऑफिस का निरीक्षण किया। सिग्नल प्वाइंट्स, पैनल आदि को जांचा। क्रॉसिग के गेटबूम की आएदिन की खराबी और उसके खुलने-बंद होने की रिपोर्ट स्थानीय तौर पर देख रहे अभियंता से ली। उन्होंने क्रॉसिग पर लगे सायरन को बजवा कर देखा। गंगा रेलवे पुल के कानपुर छोर की क्रॉसिग का भी उन्होंने निरीक्षण किया। वहीं अन्य क्रॉसिग को भी जांचा।