अरबों की एसटीपी को शुक्लागंज में नहीं मिली एनओसी
जल निगम की निर्माण शाखा के इंजीनियर फिक्रमंद हैं। विभाग को 10219.75 लाख रुपये से उन्नाव में एसटीपी निर्माण के लिए तो शुक्लागंज नगर पालिका में 651
जागरण संवाददाता, उन्नाव : उन्नाव में एसटीपी के लिए जहां क्षेत्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से एनओसी दी जा चुकी है। वहीं बोर्ड ने शुक्लागंज के लिए एनओसी नहीं दी है।
जल निगम की निर्माण शाखा के इंजीनियर फिक्रमंद हैं। विभाग को 10219.75 लाख रुपये से उन्नाव में एसटीपी निर्माण के लिए तो शुक्लागंज नगर पालिका में 6518.19 लाख रुपये अलग-अलग बजट दिया गया है। दोनों नगर पालिका परिषद में एसटीपी निर्माण के लिए कुल 16734.94 लाख रुपये खर्च किए जाने हैं।
जल निगम अधिशाषी अभियंता ने बताया कि दोनों नगर पालिका में एसटीपी बनवाए जाने के लिए एक साथ एनओसी मांगी गई थी। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने शुक्लागंज के लिए अभी अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया है। जिसके अभाव में शुक्लागंज नगर पालिका में जमीन मिल जाने के बाद भी काम शुरू नहीं किया जा सका है।
केंद्र सरकार के निर्देश पर नमामि गंगे को साकार करने के लिए जिले में दो स्थानों पर एसटीपी बनवाए जाने की रूपरेखा तय है। गंगा शुद्धीकरण का उद्देश्य लेकर योजना हाइब्रिड एम्युनिटी मोड पर काम करेगी। एसटीपी उन्नाव व शुक्लागंज नगर पालिका परिषद में बनवाए जाएंगे। जिसमें उन्नाव के डकारी में दो हेक्टेयर क्षेत्रफल पर 15 एमएलडी की एसटीपी बनाए जाने के लिए काम शुरु हो चुका है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से इस बाबत एनओसी मिल गई है। जबकि शुक्लागंज में पांच एमएलडी की एसटीपी बनाए जाने के लिए एनओसी जारी नहीं की गई है। जल निगम अधिशाषी अभियंता निर्माण खण्ड मनीष चक ने बताया कि शुक्लागंज में अहमद नगर बगिया में जमीन चिह्नित है। जहां जिला प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से एनओसी मिलने के बाद एसटीपी का निर्माण करवाया जाएगा। जल निगम अभियंता ने बताया कि एनओसी के लिए लगभग दो माह पहले आवेदन किया था। अभी तक नहीं मिली है। शुक्लागंज के अहमदनगर में एसटीपी के बनाए जाने के बाद यहां से इंद्रा नगर का नाला जोड़ा जाएगा। इस नाले में शहर के प्रमुख चार नालों का श्राव आता है। केंद्र सरकार ने पूरे काम की डिजाइनिग रुड़की आइआइटी को दी है। एनएमसीजी नई दिल्ली ने पूरे काम का जिम्मा मेसर्स सापूरजी पालोन जी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड फर्म टाटा साइरस मिस्त्री को दिया है। शुक्लागंज में होने हैं यह काम
कई जगहों से नालों का डायवर्जन किया जाएगा।
कलेक्शन चेंबर बनाए जाएंगे।
श्राव को एकत्रित करने के लिए अलग से ग्रिट चेंबर बनाए जाएंगे।
टैपिग विधि को पूरा किया जाएगा।
आठ मीटर का एमपीएस बनवाया जाएगा।
100 मीटर की चौड़ाई व 500 एमएम डाया का राइसिग मेन बनवाया जाएगा।
पांच एमएलडी का एसटीपी बनवाया जाएगा।
बहाव चैनल 10 मीटर के बनाए जाएंगे।
एसटीपी में रोटनिग वॉल बनवाई जाएंगी। इसके अलावा अन्य तमाम काम किए जाएंगे।
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एनओसी दिए जाने के लिए जरूरी नियमों पर ध्यान दिया जा रहा है। डेढ़ महीने पहले एनओसी के लिए जल निगम ने आवेदन किया था। जल्द ही अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा।
विमल कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड।