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पशु आश्रय के लिए मिलेगी निर्माण की इजाजत

जागरण संवाददाता, उन्नाव : गोवंशीय मवेशियों को पशु आश्रय में पहुंचाने के लिए प्रयासरत प्रदेश

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 06:50 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 06:50 PM (IST)
पशु आश्रय के लिए मिलेगी निर्माण की इजाजत
पशु आश्रय के लिए मिलेगी निर्माण की इजाजत

जागरण संवाददाता, उन्नाव : गोवंशीय मवेशियों को पशु आश्रय में पहुंचाने के लिए प्रयासरत प्रदेश सरकार ने अब ग्राम समाज की जमीनों में निर्माण की इजाजत दिए जाने का निर्णय लिया है। शासन स्तर से जारी हुए इस आदेश के बाद अब गोचर की सुरक्षित जमीनों के अलावा अन्य भूखंडों पर भी निर्माण कराए जा सकेंगे।

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गोवंशीय मवेशियों पर काबू पाने को लेकर प्रयासरत प्रदेश सरकार गावों में पशु आश्रय बनवाने और उनके संचालन के लिए प्रयासरत है। शासन स्तर से अब गोचर के अलावा ग्राम समाज की अन्य जमीनों पर भी निर्माण की इजाजत देने का निर्णय लिया है। प्रमुख सचिव सुरेश चंद्र ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में बताया कि गोवंश के रखरखाव के लिए चारागाह की भूमि का उपयोग करने की अब अनुमति प्रदान की जाएगी। इस भूमि पर सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से गोवंश केंद्रों का संचालन किया जा सकेगा। राजस्व संहिता के प्रावधानों के ²ष्टिगत चारागाह की भूमि सार्वजनिक उपयोगिता की सुरक्षित श्रेणी में आती है, लेकिन अब ऐसी भूमि को ग्राम सभा द्वारा एमओयू के आधार पर किसी अन्य गैर सरकारी संस्था एनजीओ आदि को प्रबंधन हेतु दिया जा सकेगा। नियमानुसार चारागाह की सुरक्षित भूमि अथवा उसके किसी आंशिक भू भाग पर किसी प्रकार का निर्माण अथवा चहारदीवारी आदि का निर्माण कार्य कराया जाना नियमानुकूल नहीं है। लेकिन यदि ऐसी भूमि पर ग्राम सभा द्वारा चारा प्रदान करने वाली वृक्षों का रोपण किया जाता है अथवा पशुओं के पीने के लिए नलकूप वही आदि का निर्माण किया जाता है तो उसमें कोई आपत्ति नहीं है। इस कार्य में यदि किसी एनजीओ अथवा कारपोरेट घराने द्वारा सीएसआर के अंतर्गत ग्राम सभा को कोई सहयोग प्रदान किया जाता है अथवा ग्राम सभा के प्रस्ताव एवं अनुबंध के बाद अपने व्यय पर नलकूप चरही आदि की स्थापना की जाती है तो उसकी इजाजत दी जाएगी। शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना दे दी गई है। एदि ग्राम सभा, एनजीओ या कारपोरेट घरानो की ओर से ऐसे प्रस्ताव प्राप्त होते हें तो उन्हें विचारोपरांत मंजूरी दी जाएगी।

पीके ¨सह, जिला पशु चिकित्सा अधिकारी


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