आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे... जान की कीमत पर ‘आपकी यात्रा मंगलमय हो’
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर 'आपकी यात्रा शुभ हो' का संदेश है, पर हर साल हादसे होते हैं। उन्नाव से इटावा तक गड्ढे, गलत पार्किंग और टूटी फेंसिंग से बेसहारा पशुओं का खतरा बना रहता है। इस साल सौ से अधिक मौतें हुईं। यूपीडा की अनदेखी के कारण टोल टैक्स देने के बाद भी सुरक्षा में चूक हो रही है।
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जागरण संवाददाता, उन्नाव। ‘आपकी यात्रा शुभ हो...।’ इन शब्दों से सजी संदेश पट्टिकाएं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर सुखद-सुगम यात्रा का भरोसा दिलाती हैं, लेकिन इसी एक्सप्रेसवे पर हर वर्ष होने वाले हादसों और इनमें जान गंवाने वालों की संख्या भय भी पैदा करती है। यह भय तब और सच होता दिखता है, जब उन्नाव से कानपुर, कन्नौज व इटावा तक 214 किलोमीटर दूरी में जगह-जगह गड्ढे, गलत पार्किंग के साथ ही कटी जाली-फेंसिंग की वजह से बेसहारा मवेशी मौत बनकर घूमते नजर आते हैं।
इन कारणों से ही हादसों और जनहानि का क्रम नहीं रुक रहा है। इसी वर्ष अब तक सौ से अधिक मौतें हो चुकी हैं। 302 किलोमीटर लंबे छह लेन के एक्सप्रेसवे पर हल्के और भारी वाहन 665 से 2100 रुपये तक टोल टैक्स चुका रहे हैं, इसके बाद भी खामियों के प्रति उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की टीमों की अनदेखी बरकरार है।
यूपीडा के गश्ती दल में शामिल पूर्व सैनिकों को यह खामियां साफ दिखती हैं। पूर्व सैनिक स्पष्ट कहते हैं कि वे अधिकारियों के साथ ही रखरखाव करने वाली कंपनी को जानकारी देते भी हैं। इसके बाद भी सुधार नहीं हो रहा है। उन्नाव से कानपुर, कन्नौज व इटावा तक लगभग 91 जगह 10 से 20 मीटर तक में कटी जाली व फेंसिंग आज भी अपनी जगह वैसी है, ठीक नहीं हो सकी है। इनसे ग्रामीणों के साथ ही बेसहारा गोवंशी का बेरोक-टोक एक्सप्रेसवे पर आना जाना जारी है।
उन्नाव में एक्सप्रेसवे स्थित हवाई पट्टी पर बाबा कुटी के सामने कतार में भारी वाहनों के खड़े होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। यूपीडा के आंकड़े खुद बता रहे हैं कि एक जनवरी से 20 अक्टूबर, 2025 तक 813 हादसों में 109 मौतें हुईं, 423 लोग घायल हो गए।
वर्ष 2024 में 193 लोगों की मौत हुई, जबकि 2023 में 99 लोग हादसों का शिकार हुए। इसमें गलत पार्किंग, झपकी, ओवरस्पीड से टायर फटने, टूटी जाली की वजह से ऊपर आए बेसहारा मवेशियों को बचाने का प्रयास कारण सामने आया है। उन्नाव जिले में एक्सप्रेसवे का 83 किलोमीटर का हिस्सा है, जहां 17 जगह पर सुरक्षा जाली कटी पाई गई है।
अटिया और औरास टोल प्लाजा के किनारे वाहन गलत ढंग से खड़े रहते हैं। यहां पुलिस रिस्पांस ह्वीकल (पीआरवी) प्वाइंट है, पर तैनात पुलिसकर्मी मूकदर्शक हैं। कन्नौज के ठठिया से सौरिख तक 92 किमी के दायरे में 60 जगह जाली टूटी है। लखनऊ जाने वाली लेन पर गड्ढे हैं।
रात में रेस्ट एरिया के बजाय रोड के किनारे चालक वाहन खड़े कर सो जाते हैं, जिससे पीछे से तेज रफ्तार आ रहे वाहन टकराने से हादसे का खतरा रहता है। कानपुर के बिल्हौर क्षेत्र में 12 किमी में दो जगह जाली टूटी है। इटावा में 27 किमी में दोनों ओर सर्विस रोड पर 12 से अधिक ढाबे संचालित हैं, जहां जाली कटी होने से गोवंशी सड़क पर पहुंच रहे हैं।
यूपीडा के नोडल अधिकारी राजेश पांडेय ने बताया कि जहां भी जाली कटी हैं या दूसरी कमियां हैं, उन्हें चिह्नित कराया जा रहा है। मेसर्स ब्रिज गोपाल कांस्ट्रक्शन कंपनी व मेसर्स एटलस कांस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड संयुक्त रूप से आगरा से लखनऊ तक खामियां दुरुस्त कर रही हैं। जल्द दिक्कतें दूर होंगी। वहीं, कंपनी के अधिकारियों से संपर्क नहीं हो सका।

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