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छह साल बाद खतरे को पार कर बही गंगा

जागरण संवाददाता, उन्नाव : छह साल बाद गंगा ने एक बार फिर खतरे के निशान को पार किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 07:59 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 07:59 PM (IST)
छह साल बाद खतरे को पार कर बही गंगा
छह साल बाद खतरे को पार कर बही गंगा

जागरण संवाददाता, उन्नाव : छह साल बाद गंगा ने एक बार फिर खतरे के निशान को पार किया है। 28 घंटे की जद्दोजहद के बाद सोमवार मध्यान्ह 12 बजे गंगा 113 मीटर के खतरे के निशान को लांघकर 113.020 मीटर पर पहुंच गईं। इसके बाद जलस्तर हर दो घंटे में एक सेमी की गति से बढ़ता रहा जो शाम छह बजे 113.050 मीटर पर पहुंच गया। इससे अब जिले में अफरा-तफरी का माहौल है। कटरीवासी हजारों परिवार घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान को पलायन कर गए हैं। किसी ने बाढ़ राहत केंद्रों में शरण ली है तो कोई रोड किनारे ही झोपड़ी में अपना नया आशियाना बनाए हुए है। जिले के करीब चार सौ गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं तो करीब एक सैकड़ा गावों की ओर अब खतरे ने रुख कर लिया है। इससे पूर्व सन 2011 में गंगा ने खतरे के निशान को पार किया था। इसके बाद हर साल यह चेतावनी ¨बदु के आसपास ही रहकर घट जाती थी।

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बीते करीब 15 दिनों से चेतावनी ¨बदु और खतरे के निशान के बीच बह रही गंगा ने रविवार को खतरे के निशान 113 मीटर को छू लिया था। इसके बाद करीब 28 घंटे तक यह इसी स्तर पर ठहरी रहीं। इसके बाद सोमवार को गंगा ने इस निशान को भी लांघ दिया। इससे अब जिले के सभी कटरी क्षेत्रों को बाढ़ के पानी ने अपनी चपेट में ले लिया है। खतरे का निशान पार करते ही करीब 500 गांव व सैकड़ों मजरे पूरी तरह से डूब गए हैं। इससे हजारों परिवारों के लाखों लोग अब सड़क पर आने को मजबूर हैँ। जिला प्रशासन ने भी गंगा के खतरे के निशान को पार करने के बाद अब सतर्कता बढ़ा दी है। अतिरिक्त नावों व बाढ़ राहत केंद्रों पर संसाधनों की व्यवस्था कराई है। लोगों को राहत सामग्री वितरित कराई जा रही है। वहीं खानपान की सामग्री के साथ-साथ केरोसिन और तिरपाल आदि भी जिला प्रशासन मुहैया करवा रहा है। लेकिन, जिस तादाद में लोग रोड किनारे आ गए हैं उस हिसाब से यह प्रशासनिक मदद मात्र खानापूरी ही साबित हो रहा है।


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