राष्ट्रीय लोक अदालत में 6497 वाद निस्तारित
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत जनपद न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की अध्यक्षता में लगाई गई। अध्यक्ष ने अधिक से अधिक वाद सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित करने पर बल दिया। इस दौरान विभिन्न न्यायालयों के समस्त न्यायिक अधिकारियों ने मिलकर कुल 6497 वाद निस्तारित किए। जिसमें 7000 व्यक्तियों को राहत पहुंची।
जागरण संवाददाता, उन्नाव: उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत जनपद न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की अध्यक्षता में लगाई गई। अध्यक्ष ने अधिक से अधिक वाद सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित करने पर बल दिया। इस दौरान विभिन्न न्यायालयों के समस्त न्यायिक अधिकारियों ने मिलकर कुल 6497 वाद निस्तारित किए। जिसमें 7000 व्यक्तियों को राहत पहुंची।
राष्ट्रीय लोक अदालत में वैवाहिक 12 वाद, एनआइएक्ट के एक वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 35 वाद निस्तारित किए गए। जिसमें 18333000 रुपये अवार्ड किए गए। विविध दीवानी वाद 23 वादों का निस्तारण किया गया। जिसमें 4896327 रुपये के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश पारित किए गए। आपराधिक शमनीय वाद 3068 एवं 27 अन्य वादों का निस्तारण किया गया। राजस्व एवं चकबंदी के 712 वाद, आपराधिक 840 वाद, प्रि-लिटीगेशन 353 वाद तथा अन्य 857 वाद, स्टाप अधिनियम 08 कुल 2770 वादों का निस्तारण किया गया। आपराधिक निस्तारित वादों में 350840 रुपये अर्थदंड की धनराशि वसूल की गई। आपराधिक वादों के निस्तारण में मुख्यत: अरविंद कुमार उपाध्याय अपर जिला जज-4 ने 108 वाद, विराट कुमार श्रीवास्तव मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने 1623 वाद, फर्रूख इनाम सिद्दीकी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम ने 254 वाद, प्रमोद यादव अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय ने 221 वाद, सौरभ श्रीवास्तव अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ ने 181 वाद, श्रीमती आस्था श्रीवास्तव अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम ने 343 वाद, सुश्री शमीना जमील न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 142 वाद, सावन कुमार विकास सिविल जज जूडी पुरवा ने 187 वादों का निस्तारण किया। बीएसएनएल के 11 प्रिलिटिगेशन वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया गया। जिनमें 58171 रुपए मात्र की धनराशि आदायगी हेतु तय की गई। बैंक ऋण वसूली के 547 प्रि-लिटीगेशन वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया गया। जिनमें 38924789 रुपये की अदायगी तय की गई। वैवाहिक तथा अन्य प्रकृति के तीन प्रि-लिटीगेशन वादों का निस्तारण भी किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में बृजेश कुमार मिश्रा अपर जिला जज, रणंजय कुमार वर्मा प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, मो अयाज अपर जिला जज/नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत, अखिलेश दुबे अपर जिला जज, डीसी सावंत पीठासीन अधिकारी मोटर एक्सीडेंटल क्लेम ट्रिब्यूनल, अरविन्द कुमार उपाध्याय अपर जिला जज, कुनाल वेपा अपर जिला जज, एहसानुल्लाह खान अपर जिला जज, आनन्द कुमार न्यायाधीश अतिरिक्त परिवार न्यायालय आदि उपस्थित रहे।