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जिला अस्पताल में 42 संक्रामक रोगी भती

मौसम की तल्खी से संक्रामक रोग तेजी से फैल रहे हैं। डायरिया के साथ ही वायरल फीवर का हमला तेज हो गया है। वायरल फीवर का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। घर-घर तेज बुखार के मरीज हैं। जिला अस्पताल से लेकर नर्सिंगहोम तक में मौसम की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की भरमार है। 16 घंटे में 13 डायरिया और 29 बुखार पीड़ित मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे बेडों की किल्लत है। अव्यवस्थाओं और अफरा तफरी के बीच मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 11:05 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 06:38 AM (IST)
जिला अस्पताल में 42 संक्रामक रोगी भती
जिला अस्पताल में 42 संक्रामक रोगी भती

जागरण संवाददाता, उन्नाव : मौसम की तल्खी से संक्रामक रोग तेजी से फैल रहे हैं। डायरिया के साथ ही वायरल फीवर का हमला तेज हो गया है। वायरल फीवर का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। घर-घर तेज बुखार के मरीज हैं। जिला अस्पताल से लेकर नर्सिंगहोम तक में मौसम की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की भरमार है। 16 घंटे में 13 डायरिया और 29 बुखार पीड़ित मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे बेडों की किल्लत है। अव्यवस्थाओं और अफरातफरी के बीच मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जिससे उन्हें दुश्वारी झेलना पड़ रहा है। एक बेड पर तीन-तीन मरीज लिटाए जाने से एक से दूसरी बीमारी के संक्रमण का खतरा है लेकिन अस्पताल प्रशासन इसे नजरंदाज किए है।

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लगातार संक्रामक बीमारियों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। तेज बुखार के मरीजों की संख्या हर रोज बढ़ रही है। सरकारी गैर सरकारी अस्पतालों में वायरल फीवर और डायरिया के मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। जिला अस्पताल इमरजेंयी में शनिवार रात 12 बजे से लेकर रविवार शाम 4 बजे तक जिला अस्पताल की इमरजेंसी में 62 मरीज भर्ती किए गए। इनमें तेज बुखार के 29 और डायरिया 13 मरीज भर्ती किए जा चुके थे। ईएमओ डॉ. आशीष सक्सेना ने बताया कि इस समय सबसे अधिक मरीज संक्रामक रोगों के ही आ रहे हैं।

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अफरातफरी के बीच हो रहा इलाज

- तीस बेड की इमरजेंसी में औसतन प्रतिदिन 75-80 मरीज भर्ती किए जा रहे हैं इससे बेडों की मारामारी है। इमरजेंसी में एक-एक बेड पर तीन तीन मरीज तक लिटाए जा रहे हैं। उसके बाद भी बेंच पर मरीजों को लिटाना पड़ रहा है। इससे जहां मरीजों को आराम से लेटने तक को नहीं मिल रहा है वहीं 80 मरीजों पर दो स्टाफ नर्स होने से उन्हें दवा इेजेक्शन तक समय से नहीं मिल पा रहा है।

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इमरजेंसी बनी ओपीडी

- रविवार को ओपीडी बंद थी, इससे बुखार और डायरिया के मरीजों की लाइन ओपीडी में लगी रही। सुबह आठ बजे से चार बजे के मध्य इमरजेंसी में 122 मरीज ऐसे पहुंचे जिन्हें डॉक्टर ने देखने के बाद दवा देकर सुबह फिजीशियन को दिखाने की सलाह देकर घर भेजा। आज इमरजेंसी में भी ओपीडी का जैसा नजारा था।

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- वार्ड एक में 10 अतिरिक्त बेड बढ़ाने को कहा है, सोमवार को इसका प्रबंध हो जाएगा। मरीज अगर अस्पताल आ रहा है और डायरिया एवं बुखार का है तो उसे रेफर भी नहीं किया जा सकता, भर्ती कर उपचार करना हमारी मजबूरी है।

- डॉ. मेवालाल, सीएमएस


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