14 घंटे की रिमझिम बारिश ने बढ़ाई ठंड
कश्मीर के विक्षोभ और राजस्थान के सर्कुलेशन के कारण मैदानी भागों का मौसम बदल गया है। गुरुवार रात से शुरू हुई 14 घंटे की रिमझिम ने लोगों को कंपा दिया। अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री नीचे चल गया है। बारिश से जिले में सबसे बुरी दशा गो आश्रय केंद्रों की हुई है जहां पर खुले में मवेशियों को बारिश से भीग कर ठंड से कांपना पड़ रहा है। रबी फसल के लिए यह बारिश लाभदायक है। वहीं धान केंद्रों पर डंप पड़े धान में नमी आ गई है। आपूर्ति पर असर पड़ेगा।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : कश्मीर के विक्षोभ और राजस्थान के सर्कुलेशन के कारण मैदानी भागों का मौसम बदल गया है। गुरुवार रात से शुरू हुई 14 घंटे की रिमझिम ने लोगों को कंपा दिया। अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री नीचे चल गया है।
गुरुवार रात करीब 1 बजे से बारिश होना शुरू हुई, सुबह चार बजे उसकी रफ्तार तेज हो गया। इसके बाद शुक्रवार सुबह 7 से 9 बजे रिमझिम बारिश होती रही। दोपहर करीब 1 बजे बारिश का सिलसिला खत्म हुआ। बारिश होने और बर्फीला हवा चलने से लोगों को ठंड से झकझोर दिया। बारिश और ठंड से बच्चों को स्कूल जाने में भी परेशानी हुई। ठंड बढ़ने से अधिकतम तापमान सामान्य से दो तो डिग्री नीचे गिरकर 19 डिग्री पर पहुंच गया वहीं न्यूनतम तापमान 10 डिग्री रहा। बारिश होने से शहर के निचले मोहल्लों में जलभराव रहा, जिससे लोग परेशान रहे हैं तो वहीं हर गली मोहल्ले में कीचड़ होने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। कचहरी आरओबी के नीचे के रास्ते में पानी भरने से आवागमन ठप रहा। उधर जिले में 14 घंटे के भीतर 7 एमएम बारिश दर्ज की गई।
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आने वाले दिनों में पड़ेगी भीषण ठंड
- मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक कश्मीर के विक्षोभ और राजस्थान के सर्कुलेशन से जो मौसम पर प्रभाव पड़ा है। उससे आने वाले दिनों में भीषण ठंड पड़ेगी। तापमान के तेजी से गिरने की संभावना है वहीं बारिश और ओलावृष्टि की भी संभावना है।
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गेहूं को फायदा, आलू और लाही को नुकसान
- बारिश से गेहूं की फसल को फायदा हुआ है। जिससे किसानों के चेहरे खिले दिखे वहीं लाही की फसल में फूल झड़ने से उसे हल्का नुकसान हुआ है। साथ ही आलू के खेत में पानी भरने से सड़न की संभावना हो गई है। जिला कृषि अधिकारी केके मिश्रा के मुताबिक जिनकी लाही बड़ी हो गई है, उनके फूल झड़ने से हल्का नुकसान हुआ है। हालांकि कोई खास चिता की बात नहीं है लेकिन यदि बारिश लगातार होती है तो फिर अधिक नुकसान होगा। जिला उद्यान अधिकारी महेश श्रीवास्तव ने बताया कि आलू की फसल में बारिश से कंद में सड़न आ सकती है तो ऐसे में तत्काल पानी को हटा दिया जाए तो साथ ही गोबर के कंडे की राख खेत में डाल दी जाए जिससे नमी को बह सोखेगा और फंगस संक्रमण भी खत्म हो जाएगा।
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अस्थाई गोशाला में ठंड से कांप रहे मवेशी
- बारिश के कारण जिले की गोशालाओं में रह रहे 5 हजार मवेशियों पर आफत आ गई है। अधिकतर आश्रय स्थलों पर छांव की सुविधा नहीं है तो वहीं तिरपल तक नहीं डाले गए हैं। ऐसे में मवेशियों को बारिश से भीग कर ठंड में कांपना पड़ रहा है। गंजमुरादाबाद के सुल्तानपुर में गो आश्रय स्थल पर पानी भरा गया है। असोहा ब्लाक के मझकोरिया में व्यवस्था न होने से जानवर पानी भरने से बैठ भी नहीं पा रहे हैं। हिलौली ब्लाक के संदाना गो आश्रय स्थल में छांव न होने से मवेशियों को बारिश से भीगना पड़ रहा है। औरास के शरीफाबाद गोशाला में भी यही स्थिति है। हालांकि औरास की चार गोशालाओं में मवेशियों को जूट के बोरे डाले गए साथ ही आश्रय स्थल को तिरपाल से ढका गया है।
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बिछिया और सीमऊ में भीगा धान
- जिले में धान क्रय केंद्रों पर उचित व्यवस्था न होने से बारिश से बिछिया के एफसीआइ के धान क्रय केंद्र में 450 क्विटल धान भीग गया है। वहीं सीमऊ में धान क्रय केंद्र पर खुले में धान रखा होने से वह पानी पड़ने से भीग गया है। बांगरमऊ, बीघापुर, गंजमुरादाबाद, पुरवा में धान को पानी से बचाने के लिए तिरपाल डाला गया है लेकिन जिस तरह से धान क्रय केंद्रों पर बारिश का असर हुआ है, उससे नमी बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी जिससे आपूर्ति की क्वालिटी पर असर पड़ेगा।