इंसानियत का पाठ पढ़ाने वाली शिक्षा की जरूरत
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संवादसूत्र, सुलतानपुर : देश में आज ऐसी शिक्षा की जरूरत है जो इंसान को इंसान बनाए। भौतिकवादी युग में गांधीवादी शिक्षा ही सशक्त माध्यम है जो व्यक्ति में आत्म सुधार की प्रेरणा दे सकती है। ये कहना है उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रयागराज के पूर्व अध्यक्ष प्रो.प्रताप ¨सह का। वह बुधवार को कमला नेहरु भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान के फरीदीपुर परिसर में सात दिवसीय नई तालीम अनुभवजन्य व कार्य आधारित शिक्षा कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद व उच्च शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में तमाम जाने-माने शिक्षाविदों का जमावड़ा हुआ। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि उच्चतर शिक्षा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.¨सह व संस्थान के पूर्व प्राचार्य प्रो.यशवंत ¨सह ने दीप जला शुभारंभ किया। पूर्व प्राचार्य ¨सह ने भी कहाकि शिक्षा वो है जो व्यक्ति को भय से मुक्ति दिलाए। गांधी जी का जिक्र करते हुए भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल बेसिक शिक्षा योजना का खाका खींचा। गनपत सहाय पीजी कॉलेज के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष रह चुके प्रो.डीपी ¨सह ने गांधीवादी शिक्षा की वकालत की। ग्रामीण शिक्षा परिषद के प्रतिनिधि डॉ.अनिल दुबे ने मौजूदा शिक्षा में सामुदायिक सहभागिता जरूरी बताई। प्राचार्य डॉ.एके श्रीवास्तव, ¨हदी विभागाध्यक्ष डॉ.राधेश्याम ¨सह व शिक्षा संकाय के प्रवक्ता डॉ.वीपी ¨सह आदि ने भी विषय पर प्रकाश डाला।