अधिकारी न कर्मचारी कहां जाएं फरियादी
कर्मचारी व अधिकारी कार्यालय में समय से नहीं पहुंचते हैं। जन सुनवाई भी ठप हुई।
सुलतानपुर : शासन का आदेश है कि अधिकारी सुबह साढ़े नौ बजे से कार्यालयों में बैठकर जनता की समस्याएं सुनें। लेकिन, शासन की इस मंशा से अधिकारियों ने मुंह मोड़ रखा है। सुबह की बात तो दूर दोपहर पौने बारह बजे तक कर्मचारी भी ढूंढे नहीं मिलते हैं। ऐसे में फरियादियों को निराश होकर उनका इंतजार करने के सिवा कुछ नहीं सूझता। जागरण टीम ने बुधवार को पीपी कमैचा ब्लाक का मौका-मुआयना किया। प्रस्तुत है रिपोर्ट.।
समय साढ़े ग्यारह बजे ब्लाक परिसर मे पीछे एडीओ पंचायत अशोक कुमारी का कार्यालय तो खुला था लेकिन, वह मौजूद नहीं थीं। वहां, मौजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी निरहू ने बताया मैडम घर गई हैं, आती ही होंगी। करीब पौने बारह बजे खंड विकास अधिकारी की कुर्सी खाली थी, बगल एक कक्ष में बडे़ बाबू दयाशंकर यादव अपने काम में व्यस्त थे। पूछने पर बड़े बाबू ने बताया कि साहब के पास लम्भुआ ब्लाक का भी चार्ज है, आते ही होंगे। यही हाल एपीओ कार्यालय का भी रहा, जहां मनरेगा सेल प्रभारी नवीन मिश्रा की कुर्सी खाली रही। मुख्यालय पर दस पंचायत सचिव तीन एडीओ, दो अवर अभियंता, चार लिपिक की तैनाती है। बावजूद इसके दोपहर बारह बजे तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी ब्लाक कार्यालय में मौजूद नहीं मिला।
बोले फरियादी :
डेवाढ़ गांव से आए सजीवन राम का हैंडपंप खराब है, जिसकी शिकायत करने वह पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि किससे फरियाद करें। सफीपुर बैंती कला से कलावती रामजियावन पीएम आवास के बारे में जानकारी करने आए थे। बताया कि हम सब को दिलासा दिया था कि तुम्हारा भी घर बन जाएगा। संतोष पांडेय कस्बे की सफाई को लेकर चितित है बताते हैं महीनों से सफाई व्यवस्था ध्वस्त है।
बोले जिम्मेदार :
खंड विकास अधिकारी पीपी कमैचा रविशंकर पांडेय ने बताया कि मेरे पास लम्भुआ ब्लाक का भी चार्ज है और 23 जनवरी को दोनों ब्लाक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आयोजन है। कर्मचारियों के साथ बैठक करनी थी। उसी की तैयारियों में देर हुई।