दस दिन बाद भी नहीं खुला वीरेंद्र हत्याकांड का राज
सुलतानपुर : अवंतिका कांड ने जिले की पुलिस को हिलाकर रख दिया। शहर कोतवाल व सीताकुंड च
सुलतानपुर : अवंतिका कांड ने जिले की पुलिस को हिलाकर रख दिया। शहर कोतवाल व सीताकुंड चौकी प्रभारी लाइन हाजिर कर दिए गए और पुलिस कप्तान का स्थानांतरण कर दिया गया। इस घटना में पुलिस ऐसी उलझी कि वीरेंद्र की हत्या के जघन्यतम कांड को भूल गई। वारदात को दस दिन बीत गए, अभी तक इस सनसनीखेज मामले का रहस्य बरकरार है। हत्याकांड का राजफाश करने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। जिससे पीड़ित परिवारीजन दहशत में जी रहे हैं और शहर के व्यापारियों का भरोसा पुलिस से उठता जा रहा है।
कोतवाली नगर क्षेत्र के आजाद नगर (खैराबाद) निवासी व्यवसायी वीरेंद्र जायसवाल का गत 26 जुलाई की रात पंजाबी कॉलोनी के पास से कार सवार बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। अगले दिन सुबह उनका शव प्रतापगढ़ जिले के अंतू थानाक्षेत्र में खून से लथपथ हालत में पड़ा मिला था। मामले में अज्ञात के खिलाफ अपहरण व हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शहर के व्यापारियों ने 28 जुलाई को शाहगंज चौराहे पर शव रखकर घंटों प्रदर्शन किया था। तब जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने तीन दिन के भीतर हत्याकांड का खुलासा करने का अश्वासन दिया था। अगले ही दिन यानी 29 जुलाई को अवंतिका फूड मॉल के मालिक व भाजपा नेता आलोक आर्या को रेस्टोरेंट में घुसकर गोली मार दी गई। इस हाई प्रोफाइल मामले के सामने वीरेंद्र हत्याकांड की जांच-पड़ताल सुस्त पड़ गई। पुलिस अभी हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी है।
चौकी के बगल हुई लूट का भी नहीं हुआ राजफाश : शहर के महुवरिया निवासी किराना व्यवसायी आशीष गुप्ता व उनके पिता उमाशंकर से 22 जुलाई को अलसुबह लखनऊ नाका ओवरब्रिज पर तीन सशस्त्र बदमाशों ने एक लाख 45 हजार रुपये लूट लिए थे। गभड़िया पुलिस चौकी के बगल हुई इस वारदात का 15 दिन बाद भी राजफाश नहीं किया जा सका।