कटान से वीरान हुए स्थलों को किया जाएगा हरा-भरा
वन विभाग की पौधशालाओं में 38 लाख पौधे तैयार किए गए। पौधों के लिए विभागों को भटकना नहीं पड़ेगा।
गोपाल पांडेय, सुलतानपुर
वन महोत्सव के जरिए जिले को हरा-भरा करने की कवायद हवा-हवाई न हो इसके लिए प्रशासन ने विभागों की नकेल कसना शुरू किया है। पौधारोपण की हकीकत और हरियाली जमीन पर दिखे इसके प्रयास किए जा रहे हैं। पौधों के लिए विभागों को भटकना नहीं पड़ेगा। वन विभाग इनकी आपूर्ति करेगा। भूखंडों का चयन भी प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। ऐसे स्थान जो पुराने वृक्षों की कटान से वीरान हो गए हैं सर्वप्रथम उन्हें हरा-भरा किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग की पौधशालाओं में राजमार्गों के विस्तार से खाली हुए स्थानों को भरने के लिए विशेष प्रजाति के पौधे तैयार किए गए हैं।
सड़कों के किनारों पर लगाए जाएंगे विशेष पौधे : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, प्रयागराज व लखनऊ राजमार्ग के निर्माण के दौरान जिन जगहों पर पेड़ों को काट दिया गया है। अब वहां हरियाली लाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। इनके किनारे छायादार व फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे। इससे लोगों को धूप से राहत मिलेगी। आसपास का वातावरण भी ठंडा होगा। साथ ही पर्यावरण को संतुलित करने में नए रोपे जाने वाले पौधों की विशेष भूमिका होगी। जिले की सीमा में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बल्दीराय तहसील के फतेहपुर जंगल से प्रविष्ट हुई है। सड़क निर्माण के लिए छह एकड़ वन क्षेत्र अधिग्रहित किया गया। आठ लेन की चौड़ाई में वन क्षेत्र को साफ कर एक्सप्रेसवे बनाया गया है। इस अभियान में 26 हजार वृक्ष काट दिए गए। वन क्षेत्र को हुई इस क्षति की प्रतिपूर्ति इस बार पौधरोपण करके किए जाने की कोशिश की जाएगी। इन राजमार्गों के किनारों पर तेज बढ़त वाले दस से 12 फिट की लंबाई वाले पौधे रोपे जाएंगे। मानसून व वन महोत्सव के दौरान होने वाले पौधारोपण के लिए वन विभाग की 19 पौधशालाओं में ही 38 लाख 40 हजार पौधे तैयार किए जा चुके हैं।
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राजमार्गाें के किनारों पर दो-दो किमी. तक एक ही प्रजाति के छायादार क्लोन पैटर्न (प्रतिरूप पद्धति) के पौधो का रोपण कराया जाएगा। इसकी तैयारियां की जा रही हैं।
आनंदेश्वर प्रसाद, डीएफओ