मोबाइल कंपनियों की लापरवाही से 25 लाख लोगों पर मंडराया खतरा
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सुलतानपुर : मोबाइल कंपनियों की लापरवाही से जिले के 25 लाख से अधिक लोगों की ¨जदगी दांव पर है। वह सभी कमजोर नेटवर्क होने के बावजूद मोबाइल इस्तेमाल करने के लिए विवश हैं। इंडियन काउंसिल फार मेडिकल रिसर्च के अनुसार कम सिग्नल होने पर मोबाइल के इस्तेमाल से नपुंसकता, हृदय रोग व कैंसर जैसे रोग हो सकते हैं। यह सब जानते हुए भी विभिन्न सेवा प्रदाता कंपनियां ग्राहकों की समस्या को गंभीर नहीं मान रही हैं। जबकि कमजोर नेटवर्क की दिक्कत पिछले कई माह से लगातार बनी हुई है। शनिवार को भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनल) की ब्राड बैंड व नेटवर्क सेवा पूरी तरह ध्वस्त हो गई। इससे और भी ज्यादा मुश्किल खड़ी हो गई।
कमजोर नेटवर्क होने पर मोबाइल से रेडिएशन अधिक उत्सर्जित होने की खबर से जिले के लोगों में दहशत है। इसके अलावा कॉल, संदेश, इंटरनेट सर्फिंग व ई-सेवाओं का लाभ उपभोक्ता नहीं उठा पा रहे हैं। देश की सबसे बड़ी सरकारी बीएसएनल से लेकर वोडाफोन, जिओ, एयरटेल जैसी कंपनियों के नेटवर्क शहर से लेकर गांवों तक में सही नहीं चल रहे। कंपनियां उपभोक्ताओं के मोबाइल में पूरा सिग्नल नहीं भेज रहीं। किसी कंपनी का सिम लगाने पर एक टावर, किसी के सिम में दो टावर व किसी के सिम में नेटवर्क आते ही गायब होते हैं, फिर कुछ देर के लिए दोबारा आ जाते हैं। इससे उपभोक्ता लगातार परेशान हो रहे हैं। उपभोक्ता प्रशांत द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने नेटवर्क पाने के लिए कई कंपनियों के सिम बदले लेकिन सब की हालत लगभग एक जैसी है। फोन करने पर जल्दी लगता नहीं और लग जाने पर सेकेंडों में कॉल ड्रॉप हो जाती है। सोशल साइटें भी नहीं चल रहीं। र¨वद्र त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने भी कई कंपनियों का सिम बदला, लेकिन सभी की हालत एक जैसी है। बीएसएनल के जीएम आरके श्रीवास्तव ने कहा कि ब्रॉडबैंड व नेटवर्क का ¨लक डाउन होने से दिक्कत हो रही है।