भट्ठा संचालन को पर्यावरण से पहले प्रदूषण की एनओसी जरूरी
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सुलतानपुर : भट्ठा संचालन के नियम में अब परिवर्तन हो गया है। पहले भट्ठा संचालक पर्यावरण का अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी प्राप्त कर लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। नए ईंट भट्ठा की स्थापना हो अथवा पूर्व भट्ठों के संचालन की बात, संचालकों को अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेने के बाद ही पर्यावरण का अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल सकेगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ईंट भट्ठे की स्थापना और संचालन दोनों की अनुमति देगा। बोर्ड अधिकारियों के समक्ष आवेदन करने के बाद ईंट भट्ठा संचालित किए जाने के स्थान पर भौतिक सत्यापन किया जाएगा। हाईकोर्ट की गाइड लाइन के मुताबिक सभी शर्तों को पूरी करने के बाद ही प्रदूषण अधिकारी अनुमति का प्रमाण पत्र जारी करेगा। इसके बाद भट्ठा संचालक जिलाधिकारी के यहां पर्यावरण का एनओसी पाने के लिए दर्खास्त करेगा। उससे रॉयल्टी जमा कराई जाएगी। 15 से लेकर 24 पायों तक न्यूनतम रायल्टी की धनराशि 73 हजार से लेकर एक लाख 24 हजार निर्धारित की गई है। पर्यावरण की एनओसी पाने के लिए रॉयल्टी जमा करने की रसीद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुमति का कागजात जिला पंचायत में पंजीयन की रसीद, मिट्टी खोदने के लिए भूमि मालिक से एग्रीमेंट के पेपर और यदि भट्ठा पुराना है तो पूर्व में जमा की गई रायल्टी के अभिलेख आदि प्रस्तुत करने जरूरी होंगे। खनन इंस्पेक्टर राघवेंद्र ¨सह कहते हैं कि इनमें से किसी भी कागजात की कमी पर पर्यावरण एनओसी जारी नहीं की जाएगी। जांच के दौरान यदि कोई गैर कानूनी तरीके से भट्ठों के संचालन में लिप्त पाया गया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।