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शिक्षा के लिए महानगरों की राह पकड़ने की मजबूरी होगी खत्म

शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे प्रयासों को नए साल में रफ्तार मिलेगी। दुश्वारियां दूर होंगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 12:42 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 12:42 AM (IST)
शिक्षा के लिए महानगरों की राह पकड़ने की मजबूरी होगी खत्म
शिक्षा के लिए महानगरों की राह पकड़ने की मजबूरी होगी खत्म

सुलतानपुर : प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जिले की उपलब्धियां साल दर साल बढ़ रही हैं। इसी का परिणाम है कि अखिल भारतीय सेवाओं से लेकर मेडिकल और इंजीनियरिग में प्रवेश के कंपीटीशन में यहां की संस्थाओं के प्रतिभागी अपना लोहा मनवा रहे हैं। महाविद्यालय स्तर पर भी पठन-पाठन में गुणवत्ता सुधरी है। वहीं, छात्राओं ने अध्ययन के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इसी क्रम में उच्चस्तरीय कोचिंग सेटरों की स्थापना और गुणवत्तापरक शिक्षण कार्य के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में महाविद्यालयों में नए कोर्सो की शुरुआत व शिक्षा को तकनीकी रूप देने की कोशिश के लिए नया साल बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।

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जिला विद्यालय निरीक्षक जय प्रकाश यादव ने बताया कि कोरोना के चलते शिक्षा की बेहतरी के लिए प्रस्तावित योजनाओं को नए साल में गति मिलने की उम्मीद है। नवोदय विद्यालय के निर्माण से लेकर पठन-पाठन को दुरुस्त करने के लिए प्रयासों में तेजी लाने की कोशिश की जाएगी।

जिले का होगा अपना नवोदय :

विकास खंड करौंदीकलां के पाकड़पुर गांव में 7.733 हेक्टेयर में देश का 644वां जवाहर नवोदय विद्यालय बनाया जाना है। पचास करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस विद्यालय के लिए जमीन चिह्नित तो कर ली गई है। लेकिन कोरोना महामारी के कारण निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं हो सकी है। मजबूरी में यहां के अभिभावकों को अपने नौनिहालों को पढ़ाने के लिए गौरीगंज स्थित नवोदय विद्यालय भेजना पड़ता है। बहरहाल, 15 माह में निर्माण के लिए शासन की तरफ से तय की गई समय सीमा को लेकर उम्मीद है कि जल्द ही विद्यालय बनना शुरू हो जाएगा।

दूर होगी शिक्षकों की कमी :

जिले के 325 माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से प्रभावित व बाधित पठन-पाठन को दुरुस्त बनाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। वर्तमान में तकरीबन एक हजार शिक्षकों के सहारे विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने का काम किया जा रहा है। विषय विशेषज्ञों की कमी का दंश भी छात्रों को झेलना पड़ रहा है। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि अगले दो माह तक तकरीबन तीन सौ शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे।

शुरू होगी कानून की पढ़ाई :

सब कुछ ठीक रहा तो यहां के विद्यार्थियों को कानून की पढ़ाई के लिए महानगरों की तरफ रुख नहीं करना पड़ेगा। राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय से संबद्ध कमला नेहरू भौतिकी एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान में एलएलएम कोर्स शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगते ही यहां कानूनी पढ़ाई के लिए स्नातक के साथ परास्नातक कक्षाएं भी शुरू कर दी जाएंगी।

शिक्षा के साथ बढ़ेगी सुरक्षा :

तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी माने जाने वाले केएनआइटी में शिक्षा के साथ सुरक्षा को लेकर भी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इंजीनियरिग के सभी संकायों में सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही कई चक्रों में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की योजना तैयार की गई है। उच्च स्तरीय मेस, वातानुकूलित टेबल टेनिस कोर्ट, डिजिटल लाइब्रेरी, अत्याधुनिक प्रयोगशाला युक्त इस संस्थान में नए साल में अन्य संसाधनों की बहाली पर भी विचार किया जा रहा है।

चुनौतियों से निपटेंगे हाइटेक शिक्षक :

कोरोना संक्रमण के चलते शिक्षण संस्थानों के बंद होने से कोर्स ही नहीं पिछड़ा बल्कि शासन को तमाम तरह के और भी बड़े नुकसान से रूबरू होना पड़ा। बिना प्रशिक्षण और तैयारी के ऑनलाइन शिक्षा को शुरू करने की मजबूरी से कुछ खास हासिल नहीं हो सका। ऐसे में कोरोना जैसी भविष्य में आने वाली अन्य आपदाएं शिक्षा के रास्ते में रोड़ा न बन सकें, इसके लिए सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित कर तकनीकी रूप से मजबूत किया जाएगा। इसकी शुरुआत जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।


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