सूरज की रोशनी से फसलों की ¨सचाई
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सुलतानपुर: अन्नदाताओं को अब न अनियमित बिजली की राह देखनी होगी और न ही नहर में पानी आने का इंतजार करना होगा। जिले में बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा संचालित पंपसेट की स्थापना का प्रस्ताव नेडा के जरिए कृषि विभाग ने दिया है। अनुदान से अब तक 50 ऐसे पंपसेट लगाए जा चुके हैं। इस सुविधा के शुरू होने से महंगे डीजल से न तो खेती का खर्च बढ़ेगा और न ही पर्यावरण दूषित होगा। किसान की आय दोगुना करने की सरकारी मंशा को जमीन पर उतारने के लिए ¨सचाई की लागत को शून्य किया जाएगा।
किसानों को दो, तीन और पांच हार्स पॉवर के सोलर पंप कुछ आर्थिक अंशदान पर दिए जा रहे हैं। अनुदानित दर पर सौर फोटोबोल्टिक वाटर पं¨पग सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इसके लिए चयन प्रक्रिया भी सोमवार से शुरू कर दी गई है, जिसे 25 फरवरी तक पूरा किया जाना है। दो हार्स पॉवर की डीसी सर्फेस सोलर पंप के लिए किसान को 87 हजार, तीन हार्स पावर के डीसी सबमर्सिबल सोलर पंप तथा 5 हार्स पॉवर के एसी सबमर्सिबल के लिए क्रमश: एक लाख 30 हजार और तकरीबन 97 हजार का अनुदान दिया जाएगा। जिले में नब्बे प्रतिशत किसान बिजली व डीजल चलित पंपों के जरिए ¨सचाई करते हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। बिजली की अनिश्चितता और नहरों की आधी अधूरी जलापूर्ति से किसान छुटकारा पा सकेंगे। उप कृषि निदेशक शैलेंद्र शाही ने बताया कि भू- जलस्तर के मद्देनजर हर क्षेत्र में अलग-अलग गहराई और चौड़ाई की बो¨रग इन सोलर पंपों के लिए कराई जा रही हैं।