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हर साल आग की लपटों में राख हो रहीं फसलें

हर साल आग के गाल में समां रही हैं फसलें

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 10:35 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2019 10:35 PM (IST)
हर साल आग की लपटों में राख हो रहीं फसलें
हर साल आग की लपटों में राख हो रहीं फसलें

सुलतानपुर: हर साल रवी की फसल की बोवाई के बाद चार महीने तक कड़कती सर्दी में किसान उसकी रखवाली करता है। समय - समय खाद पानी देकर फसल के पकने का इंतजार करता है। लेकिन जब तैयार उपज को घर ले जाने की बारी आती है तो उसे आग निगल लेती है। किसानों के खून पसीने की कमाई क्षण भर में स्वाहा हो जाती है। यहीं नहीं उठती आग की लपटों को जब तेज हवाओं का बल मिलता है तो वे घरों को भी राख कर देती हैं। आग की विभीषिका मे हजारों बीघा फसल जहां तबाह हाके जाती है, वहीं सैकड़ों किसान भी घर से बेघर हो जाते हैं। बर्बादी की दर्द से कराह रहे पीड़ितों को नेताओं, समाजसेवियों की भीड़ मदद के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने पहुंच जाती है। अधिकारी भी तात्कालिक रूप से जांच के बाद राहत घुट्टी पिलाते रहते हैं, लेकिन लोगों के घाव भर नहीं पाते। कारण उन्हें साल- दर- साल अग्निकांड का दंश झेल रहे लोगों को इस समस्या से निदान दिलाने की सभी कवायद शब्दों की तरह हवा में समां जाती है। आग की विभीषिका से निपटने के लिए जन प्रतिनिधियों व अफसरों के स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं हो रही है। अप्रैल माह शुरू होते ही एक बार फिर फसलों पर आग का कहर बरप रहा है। पर, जिम्मेदारों की वही पुरानी चाल ओर पुराना राग..। जनप्रतिनिधि भी इस पर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में किसानों की यह समस्या मुद्दा बनेगी।

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अग्निशमन के पास नहीं संसाधन

जिला मुख्यालय पर एक फायर स्टेशन । पांच सर्किल- सदर, लंभुआ, कादीपुर, बल्दीराय व जयसिंहपुर। इन सबके बीच बड़ी गाड़ी -2 व छोटी गाड़ी- 5, प्रॉक्सीमेटी शूट -1 और जन शक्ति मात्र- 27 है।

अब तक हुए उपाय

लंभुआ, कादीपुर व जयसिंहपुर में फायर स्टेशन खोलने के लिए भूमि उपल्ब्ध हो जाने का दावा विभागीय अधिकारी कर रहे हैं। लेकिन अभी तक न तो नक्शा तैयार हो सका न ही लागत का निर्धारण हो सका। बलछीराय तहसील में तो जमीन तक की व्यवस्था नहीं हो सकी है।

सूचना पर नहीं पहुंच पाता दमकल

जिले का सबसे दूरवर्ती ब्लाक अखंडनगर है। आजमगढ़ जनपद से सटे इस विकास खंड के गांवों की दूरी मुख्यालय से से करीब 90 किमी है। बल्दीराय तहसील में 60 और पीपी कमैचा के गांव करीब 65 किमी की दूरी पर बसे हैं। यदि एक साथ किन्हीं दो क्षेत्रों आग लग जाए तो दमकल का पहुंचना मुश्किल हो जाता है। यही नहीं कादीपुर व बल्दीराय सर्किल के गांवों में सुचना समय से मिले के बाद भी दूरी अधिक होने के नाते वक्त पर अग्निशमन का वाहन तब पहुंचता है जब सबकुछ खत्म हो जाता है।

सोचें उम्मीदवार

जय प्रकाश वर्मा व रामनरायन मौर्य आदि काश्तकार कहते हैं कि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को अग्निकांड में हर साल राख हो रहे घरों और फसलों के बचाव के बारे में गंभीरता से चिंतन कर उस पर कार्य करना चाहिए। अफसर भी ठोस कदम उठाएं।


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