गन्ना किसानों ने जलाई हैदरगढ़ चीनी मिल से मिली पर्ची
करीब दस दिन से किसान जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय के सामने जिला पंचायत परिसर में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि बाराबंकी जिले के निजी चीनी मिल को जनपद का गन्ना भेजने का कार्य जिले के संबंधित अधिकारी कर रहे हैं।
सुलतानपुर : हैदरगढ़ चीनी मिल से मिली पर्ची को गन्ना किसानों ने बुधवार को जला दिया। एक दिन पहले किसानों ने गन्ने की होली जिला पंचायत गेट पर जलाई थी। बुधवार को भी आक्रोश व्यक्त करने के लिए उनका अभियान जारी रहा।
करीब दस दिन से किसान जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय के सामने जिला पंचायत परिसर में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि बाराबंकी जिले के निजी चीनी मिल को जनपद का गन्ना भेजने का कार्य जिले के संबंधित अधिकारी कर रहे हैं। यह उस चीनी मिल को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। पिछले साल जनपद की किसान सहकारी चीनी मिल गन्ने के अभाव में बंद हो गई। इस बार भी वही खेल रचा गया है ताकि गन्ना की उपलब्धता न हो पाने पर चीनी मिल ठप हो जाए। जब इस बात को प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में जब लाया गया तो वह भी किसी निष्कर्ष में पहुंचने में विफल रहे। इसका खामियाजा गन्ना उत्पादकों को भुगतना पड़ा। एक ओर खेत में खड़ी फसल है, दूसरी तरफ रबी की बोआई की चिता, इस दुविधा को कोई नहीं समझ पा रहा है।
गन्ना उत्पादकों का कहना है कि वे खड़ी फसल को जला देंगे लेकिन हैदरगढ़ चीनी मिल को अपना गन्ना नहीं देंगे। यह उनके लिए घाटे का सौदा है। आमदनी बढ़ने के बजाय उनका नुकसान होगा। लोगों ने एक स्वर में कहा कि अभी तक गन्ना और चीनी मिल की पर्ची जलाई गई है, अगर अधिकारी सचेत नहीं हुए और उनकी समस्याओं का समाधान न निकाला तो आंदोलन रुकने वाला नहीं है। इस दौरान राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष रामपियारे वर्मा, जिला उपाध्यक्ष शकील अहमद आदि ने प्रशासन से उनकी मांग पर विचार करने को कहा। कहा कि उन सभी के गन्ने की आपूर्ति स्थानीय चीनी मिल को ही कराई जाए। अन्यथा आगामी दिनों में आंदोलन की जो स्थिति बनेगी उसके लिए अफसर जिम्मेदार होंगे। इस मौके पर देवेंद्र बहादुर सिंह, मो.रियाज अहमद, मो.तारिक, विशंभर सिंह, अशोक कुमार सिंह, वंशराज सिंह, सलाम उल्ला, अमान उल्ला आदि मौजूद रहे।