..तो अब सड़कों पर नहीं दिखेंगे मवेशी
सुलतानपुर शहर स्मार्ट होगा और नगर की सड़कों पर मवेशी नहीं दिखेंगे। पांच और उससे अ
सुलतानपुर : शहर स्मार्ट होगा और नगर की सड़कों पर मवेशी नहीं दिखेंगे। पांच और उससे अधिक पशु पालकर दुग्ध व्यवसाय करने वालों को शहर की सीमा से बाहर किया जाएगा। सार्वजनिक स्थलों पर पालतू पशुओं को छोड़ने पर कड़ा अर्थदंड लगाया जाएगा। नगर परिषद प्रशासन ने इसकी तैयारियां शुरू की है। इस सिलसिले में 216 पशुपालकों को नोटिस दी गई है। इसमें कहा गया है जल्द से जल्द व्यवस्था कर दूध का व्यवसाय करने वाले पशुपालक शहर से बाहर अपना डेरी उद्योग स्थापित करें।
नगर परिषद क्षेत्र 61 पंजीकृत दूध की डेयरी संचालित हो रही हैं। हालत यह है कि घनी आबादी और रिहाइशी क्षेत्रों में दर्जनों पशु पाले गए हैं। इन मवेशियों को दिन भर इनके मालिक सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं। शहर में ही 153 ऐसे पशुपालकों को भी नोटिस दी गई है, जिनके पालतू गोवंशों की दो से अधिक पांच से कम है। बड़े पैमाने पर दूध व्यवसाय न करने के बावजूद इनके पशु सड़कों, गलियों और चौराहों पर विचरण करते हैं। ऐसे लोगों को नोटिस के जरिए निर्देशित किया गया है कि अपने मवेशी को बांध कर रखें। ऐसा न करने पर अर्थदंड वसूला जाएगा।
विकराल हो रही समस्या
निरालानगर निवासी अभिषेक सिंह की ओर से आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना में प्रशासन ने बताया है कि बेसहारा मवेशियों की समस्या से निपटने के लिए पशु मालिकों पर लगाम कसी जा रही है। प्रशासन ने स्वीकार किया है कि शहर में बाजारों, चौराहों और ओवरब्रिज पर विचरण करने वाले पशुओं के मालिकों की गैर जिम्मेदाराना हरकत से स्थितियां अनियंत्रित हो गई हैं।
दिया गया तीन माह का समय
इस आशय की नोटिस बीती नौ अगस्त को परिषद की ओर से दी गई थी। इसके अनुपालन की अवधि तीन माह सुनिश्चित की गई है। नोटिस में यह आश्वासन दिया गया है कि प्रशासन पशु पालकों को शहर से बाहर बसाने में हर संभव मदद करेगा, लेकिन उन्हें इसकी पहल खुद करनी है। पशु पालक यदि खुद सचेत नहीं हुए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अर्थदंड के साथ मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा।
रवींद्र कुमार, अधिशासी अधिकारी नगर परिषद