सीताकुंड घाट के कायाकल्प की मंजूरी
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सुलतानपुर: आदि गंगा गोमती के पौराणिक घाट सीताकुंड पर सीढि़यों के निर्माण व सुंदरीकरण के लिए ¨सचाई विभाग की योजना को शासन से स्वीकृति मिल गई है। 80 लाख के बजट से इसे सजाया-संवारा जाएगा। विभाग गोमती के दक्षिणी तट पर धारा से सटाकर सीढि़यों का निर्माण करेगा। जिस पर भक्तगण स्नान और पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
निर्माण के लिए विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा गया था। आरंभ में यह कार्य क्षेत्राधिकार को लेकर लंबित पड़ा था। नगर परिषद की ओर से घाट के सुंदरीकरण पर आपत्ति जताई गई। नदी की धारा में निर्माण कार्य का अधिकार सिर्फ ¨सचाई विभाग को ही है। इसके मद़्देनजर शासन ने विभाग के प्रस्ताव को तकनीकी स्वीकृति प्रदान की है। घाट पर अनेक मंदिर हैं और नदी तक पहुंचने के लिए पक्का निर्माण नगर परिषद की ओर से किया गया है। नदी का किनारा कच्चा है और इन पर सीढि़यां ¨सचाई विभाग बनवाएगा। इसके लिए ड्रोन कैमरे से घाट की तस्वीर ली गई और प्रस्ताव शासन को भेजा गया। प्रदेश सरकार ने अपने बजट में गोमती को प्रदूषण मुक्त करने और घाटों को दुरुस्त करने के लिए बड़ी धनराशि स्वीकृत की है। यह सारे कार्य ¨सचाई विभाग से कराए जाएंगे।
जल निगम भी करेगा सहयोग
गोमती को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री ने सुलतानपुर को 68 लाख रुपए की घोषणा अक्टूबर में की थी। जल निगम के जरिए नालों पर एसटीपी स्थापित होंगे। सीताकुंड घाट पर भी शहर का गंदा नाला नदी में गिरता है। यहां स्थापित एसटीपी बेहद कम क्षमता का है। इसकी क्षमता में वृद्धि की जाएगी।
घाट के सुंदरीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसकी तकनीकी स्वीकृति मिली है। धन आवंटित होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।
पंकज गौतम, अधिशासी अभियंता, ¨सचाई