हादसों की वजह बने झाड़ियों से घिरे मार्ग
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सुलतानपुर : जिले में मार्गों के किनारे सरपत और झाड़-झंखाड़ इस कदर फैल चुके हैं कि राहगीरों को वाहनों के गुजरने का पता ही नहीं चल पाता। वाहन चालक भी मोड़ व चौराहों पर देख नहीं पाते, जिससे हादसे हो रहे हैं। लोक निर्माण विभाग जिम्मेदारियों से आंख मूंदे है, जबकि परिवहन एवं यातायात पुलिस भी इस समस्या को नजरंदाज कर रहा है।
जय¨सहपुर संवादसूत्र के मुताबिक क्षेत्र की चाहे गांवों को कस्बों से जोड़ने वाले मार्ग हों या फिर लखनऊ-सुलतानपुर-आजमगढ़ राजमार्ग, इनके दोनों पटरियों के किनारे ऊंची व घनी झाड़ियां उगी हैं। इसके चलते वाहन चालकों को दूर तक दिखाई नहीं पड़ता, न ही दूसरे राहगीरों को वाहनों की गतिविधियों की जानकारी मिल पाती है। यही नहीं झाड़ियों के अंदर से अचानक जंगली जानवरों के रोड पर आ जाने का खतरा भी लोगों को सताता रहता है। आए दिन सरपत के झुरमुटों और झाड़ियों के चलते दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कई तो अब तक काल के गाल में भी समा चुके हैं। वहीं शिकायत के बावजूद भी संबंधित महकमा इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
भदैंया संवादसूत्र के मुताबिक, क्षेत्र की अधिकांश सड़कें गड्ढों से तो भरी हैं साथ ही इनके किनारे घनी झाड़ियां भी हैं। जिससे आए दिन कोई न कोई वाहन चालक घायल होता है। दो मुंहा-अभिया मार्ग हो या फिर बभनगवां, शंभूगंज आदि कई संपर्क मार्ग ऐसे हैं जिनमें घनी झाड़ियां उगी हुई। जिससे रात की ही कौन कहे दिन में भी राहगीरों को दिखाई नहीं पड़ता है। तकरीबन यही हालात बल्दीराय, कादीपुर, अखंडनगर, दोस्तपुर, लम्भुआ, चांदा, धनपतगंज आदि क्षेत्रों में भी है।
कोट
सड़क के किनारे यदि झाड़ियां उगी हैं, संबंधित महकमा उनकी कटाई-छंटाई नहीं कर रहा है जिससे दुर्घटना हो रही है, तो शिकायत मिलने पर कार्रवाई जरूर की जाएगी।
-हर्षदेव पांडेय, अपर जिलाधिकारी प्रशासन