स्टीकर चिपकाने और लोगों को समझाने में निपटा सुरक्षा सप्ताह
न चला चेकिग का बड़ा अभियान न नियम दरकिनार करने वालों को मिला दंड
सुलतानपुर : मोटर वाहन अधिनियम के नए नियम लागू होने के बाद पहला सड़क सुरक्षा सप्ताह रस्म अदायगी में निपटा दिया गया। वाहनों पर स्टीकर चिपकाने और सड़क पर लोगों को नियम तोड़ने पर समझाने तक जिम्मेदारों की गतिविधियां सिमटी रहीं। वाहन चेकिग का न तो कोई बड़ा अभियान चलाया गया और न ही नियमों को दरकिनार करने वालों को दंड दिया गया।
सड़क पर जीवन सुरक्षित रहे और लोग सकुशल अपने गंतव्य पर पहुंचे इसके लिए नियम बनाए गए हैं। साल में एक बार इन्हीं नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह आयोजित किया जाता है। 22 से 28 जून तक मनाए गए इस सप्ताह में सड़क सुरक्षा से जुड़े महकमे हर साल की तरह इस बार भी सिर्फ आयोजन की औपचारिकता तक सिमटे रहे। हालात यह रहे कि इस दौरान भी लोग जाम से जूझते रहे। अनियंत्रित वाहनों से सड़क दुर्घटनाएं हुई। शहर की यातायात व्यवस्था होमगार्ड और पीआरडी जवानों के भरोसे रेंगती रही। सुरक्षित सड़क यातायात के लिए उप संभागीय परिवहन कार्यालय और यातायात पुलिस की ओर से बेहतरी और बदलाव के लिए कुछ खास नहीं किया गया। इसी का परिणाम है कि न तो चालक यातायात नियमों के प्रति गंभीर है और न ही आमजन इनको मानना अपना दायित्व समझ रहे हैं।
नहीं चलाए गए विशेष अभियान
सड़क सुरक्षा सुरक्षा सप्ताह के दौरान न तो कोई जागरुकता शिविर लगाया गया और न ही वाहन चालकों को नियमों की जानकारी देने के लिए किसी तरह का प्रशिक्षण दिया गया। आए दिन हो रहे सड़क हदासों के बावजूद इस सप्ताह के दौरान जिम्मेदार विभाग इसकी उपयोगिता को आमजनों को समझाने के प्रति उदासीन ही बने रहे। हेलमेट पहनने व सीट बेल्ट बांधने जैसे नियमों की खुलेआम अवहेलना होती रही।
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संक्रमण के चलते कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया। सड़क पर चेकिग के अभियान चलाए गए। स्कूली बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरुक करने के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।
अखिलेश द्विवेदी, एआरटीओ प्रवर्तन