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चर्चा के बजाय नारेबाजी का अड्डा बना संसद भवन

सुलतानपुर: राज्यपाल रामनाईक ने संसद में इसके सदस्यों के व्यवहार पर तीखा प्रहार किया है। ि

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 11:03 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 11:03 PM (IST)
चर्चा के बजाय नारेबाजी का अड्डा बना संसद भवन
चर्चा के बजाय नारेबाजी का अड्डा बना संसद भवन

सुलतानपुर: राज्यपाल रामनाईक ने संसद में इसके सदस्यों के व्यवहार पर तीखा प्रहार किया है। जिले के मोतिगरपुर ब्लॉक स्थित रामबरन पीजी कालेज में स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ग्राम्य युवा चेतना कुंभ में वह शिरकत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विवेकानंद पूरी दुनिया को अपना परिवार समझते थे। यह संदेश वह जन-जन तक पहुंचाना चाहते थे। इसीलिए संसद भवन के प्रत्येक दरवाजे पर भी .वसुधैव कुटुंबकम का संदेश लिखा मिलता है, लेकिन सांसद इसका पालन कम ही करते हैं। यही वजह है कि संसद भवन चर्चा के बजाय नारेबाजी का अड्डा बन गया है। सांसदों का व्यवहार वहां कैसा होता है, यह सब हम व आप देखते-सुनते रहते हैं।

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राज्यपाल ने कहा कि 39 वर्ष की अल्पायु में ही विवेकानंद का निधन हो गया, लेकिन वह पूरी दुनिया को भारत की ताकत का एहसास करा गए। अमेरिका इंग्लैंड जैसे देश पहले भारत को पहले हेय ²ष्टि से देखते थे, लेकिन 1893 में शिकागो में भाइयों व बहनों का संबोधन दिया तो पूरी दुनिया में देश का मान-सम्मान बढ़ा। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हम सभी को उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

1992 में पहली बार संसद में गूंजा वंदेमातरम

कहा कि 1950 में राष्ट्रगान शुरू हुआ, लेकिन संसद में यह नहीं गाया जाता था। मेरी पहल पर 42 साल बाद 1992 में पहली बार जन,गण,मन व वंदेमातरम गूंजा। इसी तरह यूपी का स्थापना दिवस भी मेरे ही प्रयास से 2018 में पहली बार मनाया गया।

युवाओं को दी सीख

उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा युवा भारत में हैं। कोई कठिनाई आए तो उन्हें निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि डटकर सामना करना चाहिए। मैंने भी अखबार बेचकर पढ़ाई पूरी की। फिर राजनीति शुरू की। उन्होंने सवर्ण आरक्षण को एतिहासिक बताते कहा कि पिछले पांच साल में यह सबसे अच्छा काम सभी पार्टियों ने मिलकर किया। इसका लाभ युवाओं को नौकरी व शिक्षा में मिलेगा।

अखिलेश पर कसा तंज

राज्यपाल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में जमीन छीनी जाती थी। बतौर राज्यपाल मैंने इसके लिए अखिलेश को चेताया भी था, लेकिन अपेक्षाकृत सुधार नहीं हुआ। योगी सरकार में अब ऐसा नहीं है।


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