जेल में बंद किसानों को भी मिलेगी पीएम सम्मान निधि
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सुलतानपुर : जेल में बंद सजायाफ्ता अथवा विचाराधीन किसानों को भी पीएम-किसान सम्मान निधि दी जाएगी। उनके पत्नी या बच्चों को योजना में शामिल किया जा रहा है। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बंदी किसान के आश्रितों के बैंक खाते में सहायता राशि हस्तांतरित कर दी जाएगी।
कृषि जनगणना 2015-16 में शामिल जिले के 3.67 लाख किसानों को पीएम-किसान योजना के लिए चयनित किया गया है। इनमें से बहुत से सीमांत किसान ऐसे हैं जो विभिन्न मामलों में जिला कारागार व गैर जनपद की जेलों में निरूद्ध हैं। जिला प्रशासन ने सभी तहसीलों के लेखपालों को ऐसे छोटे किसानों को चिन्हित करने के लिए निर्देशित किया है। जिसके अनुपालन के क्रम में उनके नामित उत्तराधिकारियों (पत्नी-बच्चों) का सत्यापन किया जा रहा है। खतौनी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक व अन्य जरूरी दस्तावेजों के विवरण फीड होने के बाद लाभार्थियों के खातों में पैसा भेजा जाएगा। सदर तहसील क्षेत्र अंतर्गत गोराबारिक गांव के लेखपाल इंद्रप्रताप ¨सह ने बताया कि उनके हल्के में अभी तक चार ऐसे सीमांत किसान मिले हैं जो नैनी जेल में सजा काट रहे हैं।
मुख्य विकास अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि अधिकतम दो हेक्टेयर भूमिधारी छोटी जोत वाले किसानों के परिवारों को 6000 रुपये प्रति वर्ष की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। किसान यदि जेल में बंद है तो उसके आश्रितों को योजना का लाभ दिया जाएगा। पारदर्शी किसान योजना में दर्ज तीन लाख 13 हजार किसानों को 12 फरवरी तक दो हजार रुपये की पहली किस्त दे दी जाएगी। शेष किसानों को 20 फरवरी तक सहायता राशि उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
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इनको नहीं मिलेगा योजना का लाभ
दस हजार रुपये या उससे अधिक मासिक पेंशन भोगी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पीएम-किसान योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा पंजीकृत चिकित्सकों, वकीलों, चार्टर्ड एकाउंटेंट, वास्तुकारों (आर्कीटेक्ट) व इनके परिवारजन और जनप्रतिनिधियों को भी इस स्कीम में शामिल नहीं किया जाएगा।