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गली-गली में खुल गईं टीईटी को¨चग की दुकानें

विक्रम बृजेंद्र ¨सह, सुलतानपुर : शिक्षक बनने के लिए जब से टीचर-एजुकेशन टेस्ट (टीईटी) क

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 11:13 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:13 PM (IST)
गली-गली में खुल गईं टीईटी को¨चग की दुकानें
गली-गली में खुल गईं टीईटी को¨चग की दुकानें

विक्रम बृजेंद्र ¨सह, सुलतानपुर :

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शिक्षक बनने के लिए जब से टीचर-एजुकेशन टेस्ट (टीईटी) की अनिवार्यता का फरमान जारी हुआ है, तभी से को¨चग संस्थानों की भी चांदी हो गई है। नियम-कानून ताख पर हैं। आंखों में धूल झोंक मनमानी फीस अभ्यर्थियों से वसूली जा ही रही है। कानून से बेखौफ सरकारी शिक्षक भी पैसा कमाने की लालसा में पीछे नहीं हैं। वह शहर की एक प्रमुख को¨चग में विशेषज्ञ बन बैठे हैं। को¨चग लेने वालों में करीब पचीस फीसद तादाद शिक्षामित्रों व निजी स्कूलों के शिक्षकों की है। उनकी सहूलियत को देखते हुए अलसुबह व देर शाम तक कक्षाएं शिफ्टवार चल रही हैं।

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चर्च कंपाउंड व गोलाघाट पर को¨चग का'बाजार'

माध्यमिक शिक्षा विभाग की फाइल में यूं तो टीईटी को¨चग के लिए पंजीयन शून्य है। बावजूद इसके शहर के ही पांच-सात सेंटर ऐसे हैं जहां धड़ल्ले से सुबह से शाम तक इसी की क्लास चल रही हैं। लेकिन सिविल लाइन के चर्च कंपाउंड और गोलाघाट के को¨चग संस्थान चर्चा-ए-आम हैं। यहां पर सुबह आठ बजे से लेकर शाम सात बजे तक लगातार शिफ्टों में ढ़ाई-तीन सौ विद्यार्थियों की एक साथ क्लासेज चल रही हैं। चर्च कंपाउंड में तो महंगे किराए पर कई-कई हाल लेकर इन्हें संचालित किया जा रहा है। नियमों को धता बताकर बढ़ती छात्र संख्या को देखते हुए पंजाबी कालोनी के निकट दूसरी शाखा भी खोल दी गई है। लम्भुआ व कादीपुर में भी छोटे सेंटर चलाए जा रहे हैं।

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दो हजार से कम नहीं, मुंहमांगी फीस

अभ्यर्थियों की गर्ज का संचालक खूब फायदा उठा रहे हैं। शुरुआत में 1300 रुपये प्रतिमाह और विषयवार 200 रुपये की फीस अब बढ़कर 2000 तक पहुंच चुकी है। प्रवेश में भी सिफारिश चल रही है।

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विशेषज्ञ के तौर पर सरकारी शिक्षक दे रहे सेवाएं

मीडिया का कैमरा देखकर को¨चग संस्थानों में शिक्षक अपने को आड़ में कर लेते हैं। बावजूद इसके सरकारी स्कूलों व डायट के शिक्षकों के नाम का भरपूर उपयोग इन संस्थानों में किया जा रहा है और उन्हीं के नाम पर फीस भी वसूली जा रही है। सुबह-शाम यही शिक्षक विद्यार्थियों का मार्ग दर्शन कर रहे हैं।

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हमें सूचनाएं मिली हैं कि कुछ सेंटर को¨चग अध्यादेश का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे सेंटरों की पड़ताल की जाएगी। उन सरकारी शिक्षकों पर कार्रवाई होगी जो को¨चग में पढ़ा रहे हैं। राजस्व को चूना लगाने वाले को¨चग संस्थानों की विजुअल बना उनके खिलाफ सबूत एकत्र कर कार्रवाई होगी।

-जीके ¨सह, जिविनि सुलतानपुर।


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