जिला अस्पताल की इमरजेंसी में मिल रहा सिर्फ फर्स्ट एड
-??? ?? ??? ????? ?? ??? ????? ?? ????????? -?????? ?? ????? ???? ??? ?????? ???????? ???????? ??????????, ????????? : ???? ??????? ?? ??????????? ???????? ???? ????? ??? ???? ???? ?????? ???????? ?? ??? ??? ?? ??? ???? ??? ???? ??????? ?? ????? ??????-?? ???? ???? ??? ?? ??? ?????? ?? ????? ???????? ?????? ?? ?? ????????? ???? ??? ??????? ???, ???? ??? ?? ???? ???? ??? ??? ?? ???????? ???????? ? ????? ?? ????? ?????? ?? ??? ?? ??? ???? ???
-रात के समय निभाई जा रही उपचार की औपचारिकता
-ड्यूटी से नदारद रहते हैं अधिकतर विशेषज्ञ चिकित्सक
संवादसूत्र, सुलतानपुर : जिला अस्पताल की रात्रिकालीन चिकित्सा सेवा बदहाल है। सबसे खराब स्थिति इमरजेंसी की है। जिले के दूर- दराज क्षेत्रों, पीएचसी व सीएचसी के अतिरिक्त दूसरे जनपदों से मरीज इसी उम्मीद से यहां पहुंचते हैं कि उन्हें अत्याधुनिक चिकित्सा का लाभ मिलेगा। लेकिन रात के समय यहां आने वाले रोगियों को सिर्फ फर्स्ट-एड दिया जाता है। ऑन काल ड्यूटी पर तैनात विशेषज्ञ डॉक्टर जब तक आपातकालीन कक्ष में पहुंचते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। समय पर अपेक्षित चिकित्सा न मिलने से गंभीर घायलों की जान तक चली जाती है।
चिकित्सालय की न्यू इमरजेंसी ¨वग अत्याधुनिक जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों से लैस है। आठ वेंटीलेटर की क्षमता वाला कक्ष व सी-आर्म मशीन की सुविधा वाला आपरेशन थियेटर भी है। आपातकालीन चिकित्साधिकारी के अलावा रोस्टर के हिसाब से आर्थोसर्जन, जनरल सर्जन, जनरल फिजीशियन, नेत्र सर्जन समेत विशेषज्ञ चिकित्सकों की ड्यूटी भी इमरजेंसी में रात के समय लगाई जाती है। इसके बावजूद भी मरीजों को समुचित चिकित्सा नहीं मिल पा रही है। हादसों में गंभीर रूप से जख्मी ज्यादातर लोगों को प्राथमिक उपचार की औपचारिकता निभाने के बाद हायर मेडिकल सेंटर रेफर कर दिया जाता है। न्यू इमरजेंसी ¨वग संचालित होने के बाद से अब तक एक भी आपरेशन यहां की ओटी में रात के समय नहीं किया गया। अत्याधुनिक वेंटीलेटर कक्ष में ताला बंद है। इसका कारण जो भी हो, मगर खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक एक माह के भीतर हादसों में जख्मी 60 फीसद मरीजों को मरहम-पट्टी के बाद रेफर किया जा चुका है। जिन लोगों को भर्ती किया जाता है उनका भी इलाज अगले दिन विशेषज्ञ चिकित्सक करते हैं। सीएमएस डॉ.वीबी ¨सह का कहना है कि रात में मरीजों को अपेक्षित चिकित्सा उपलब्ध कराने की इमरजेंसी में पूरी व्यवस्था है। ईएमओ सिर्फ प्राथमिक इलाज के लिए अधिकृत है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती रात आठ से सुबह आठ बजे तक की जाती है। जरूरत के मुताबिक सी-आर्म से एक्सरे व आपरेशन भी किया जाता है।