कराह रहे मरीज, संवेदनहीन बने चिकित्सक
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संवादसूत्र, सुलतानपुर : जिला अस्पताल में चिकित्सकों की संवेदनहीनता और लापरवाही इस कदर बढ़ गई है कि चाहे मरीज तड़पे या उसकी जान चली जाए , उन पर कोई असर नहीं पड़ता। मंगलवार को प्रसव कक्ष के सामने कई प्रसूताएं दर्द से कराहती व रोती रहीं। उनकी आंख से आंसू निकल आए, लेकिन तड़प को देखने वाला कोई नहीं था। इसी तरह परिसर में टीबी सेंटर के पास भूमि पर लेटे व दर्द से कराह रहे मरीज को डॉक्टर देखने नहीं आए। टीबी कक्ष में ताला लटका रहा। इससे पता चलता है कि डॉक्टरों में मरीजों के प्रति संवेदनशीलता खो गई है।
तस्वीर में दिख रहे टीबी मरीज धर्मेंद्र निषाद डॉक्टर के आने की उम्मीद से घंटों से लेटे हैं, लेकिन टीबी कक्ष में ताला लगा है। पिता हरी लाल निषाद ने बताया कि सात महीने से धर्मेंद्र को टीबी हुई थी। तब से इलाज चल रहा है। बुधवार जिला अस्पताल में लाकर भर्ती कराया। इलाज शुरू कर दिया गया, लेकिन अचानक जनरल वार्ड से बाहर कर दिया। उपचार के लिए टीबी सेंटर जाने को कहा। के पास किया जाएगा। तब से वह बाहर टीबी सेंटर के ताला लगे गेट पर डॉक्टर का इंतजार कर रहे हैं। सीएमएस डॉ. बीबी ¨सह को इसकी जानकारी नहीें है। पता कर कार्रवाई होगी।