सुरक्षा के लिहाज से असुरक्षित है दीवानी न्यायालय
सुलतानपुर शाहजहांपुर न्यायालय के भीतर गोली मारकर वकील की हत्या के बाद एक बार फिर अद
सुलतानपुर: शाहजहांपुर न्यायालय के भीतर गोली मारकर वकील की हत्या के बाद एक बार फिर अदालतों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा हो गया है।
कानून व्यवस्था की निगाह में संवेदनशील दीवानी न्यायालय इन दिनों पूरी तरह असुरक्षित है। लोग बिना जांच पड़ताल के ही आसानी से कोर्ट तक प्रवेश कर रहे हैं। गेट पर तैनात पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहते हैं। प्रवेश व निकास द्वार के फर्क से बेफिक्र लोग बिना टोकाटाकी के जिधर से पाते हैं उधर से ही जाते आते रहते हैं। सूबे की अदालतों में 2007 में हुए सीरियल बम ब्लॉस्ट के बाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर अदालतों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए थे। जनपद के दीवानी न्यायालय के तीनों द्वारों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। कुछ दिन व्यवस्था ठीक चलने के बाद ही फिर से सुरक्षा व्यवस्था बदहाल हो गई। तकरीबन दो साल पूर्व दीवानी न्यायालय के भीतर हत्या के इरादे से असलहा लेकर घुसे दो युवकों को कोतवाली नगर पुलिस न दबोच लिया था। इसके पहले भी पुलिस की आंख में मिर्च डालकर भागने की कोशिश से लेकर अन्य कई घटनाएं हो चुकी हैं। अदालत की कमजोर हो रही सुरक्षा को देखते हुए वाहन स्टैंड को भी बाहर कर दिया गया। मुख्य गेट व उत्तरी गेट पर लगवाए गए मेटल डिटेक्टर से ही लोगों को आने जाने के लिए पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई। मुख्य गेट के बगल स्कैनर के जरिए सामानों की चेकिग की जाने लगी। कुछ दिनों तक चलने वाली चौकसी फिर से लापरवाही में तब्दील हो गई है।
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गेट बंद, दीवार फांदकर कर प्रवेश
सुरक्षा के लिहाज से पूर्वी व उत्तरी दिशा के गेट को बंद कर दिया। बावजूद इसके गेट को फैलाकर लोगों का आना जाना लगा रहता है। ऊंचाई कम होने के चलते लोग दीवार फांदकर प्रवेश कर जाते हैं। इन गेटों पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा कोई रोकटोक नहीं की जाती है। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के कई बार कहे जाने के बाद सुरक्षा को पुख्ता नहीं किया गया। उत्तरी गेट पर रखे मेटल डिटेक्टर भी निष्प्रयोज्य पड़े हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सिंह का कहना है कि वकीलों को हमेशा खतरा बना रहता है। इसलिए एसपी व डीएम से मुलाकात कर सुरक्षा के संबंध में बात की जाएगी। एसपी डॉ. विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि दीवानी की सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मियों को निर्देशित किया गया है। समय-समय पर उनके द्वारा भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया जाता है।