दुकानदार न ही खरीदार माने, प्रशासन बेपरवाह
वीकेंड लाकडाउन का उड़ रहा मखौल सख्ती बेअसर। सैनिटाइजेशन के नाम पर हो रही खानापूर्ति।
सुलतानपुर : कोरोना संक्रमण की रफ्तार भले ही कम हो रही हो, मगर खतरा अभी भी बरकरार है। तीसरी लहर को लेकर भी आशंकाएं जताई जा रही हैं। ऐसे में बरती जा रही लापरवाही किसी भी समय घातक साबित हो सकती है। शनिवार को साप्ताहिक लाकडाउन के दौरान शहर से लेकर गांव तक जो भी नजारा दिखा, कही से सुखद नहीं था। प्रमुख बाजारों के साथ ही गली-मुहल्ले की दुकानें भी पूरी तरह से खुली रहीं। चौराहों पर न पुलिस का पहरा न ही बाजारों में बंदी का अनुपालन दिखा। दुकानदार से लेकर खरीदार तक की भीड़ बेपरवाही बयां कर रही है।
शासन ने अनलाक घोषित करने के साथ साप्ताहिक बंदी जारी रखा। शुरुआत में तो लोग इसका पालन करते रहे पर अब इसे लोग भूलते जा रहे हैं। पुलिस की सख्ती भी अब बेअसर साबित हो रही है। नगर के चौक, सब्जीमंडी, जीएन रोड, बस अड्डा जैसे प्रमुख जगहों पर लोगों की भीड़ पहले की तरह ही दिखने लगी है। शारीरिक दूरी व मास्क को लोग भूलते जा रहे हैं। सैनिटाइजेशन के लिए की गई साप्ताहिक बंदी भी खानापूर्ति तक सीमित रह गई। नगर के प्रमुख बाजारों का आलम यह है कि दुकानें अधिकतर खुली रहीं। हूटर की आवाजें सुन शटर गिरने लगती है। शहर से लेकर गांव तक की बाजारों का लगभग यही हाल है।
पहले की तरह ही जाम :
नगर में जाम की समस्या आम है। लेकिन, साप्ताहिक बंदी के दौरान भी हर प्रमुख चौराहों पर जाम लगा रहा, जो कि लोगों की लापरवाही बयां कर रहा है। लखनऊ नाका, शाहगंज चौराहा, दरियापुर, गोलाघाट जैसे प्रमुख जगहों पर जाम की स्थित बनी रही।
शुक्रवार को शून्य थी संक्रमितों की संख्या :
लखनऊ के लैब और जिले भर में हुए एंटीजन जांच से 3518 की रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें संक्रमित की संख्या शून्य रही। चार माह बाद संख्या शून्य हुई है, लेकिन अब लापरवाही हुई तो इसमें इजाफा होगा।