नवरात्र के रंग में सराबोर हुए नगर के बाजार
दिन भर देवी मंदिरों में तैयारियां चलती रही। बाजारों में भीड़ उमड़ रही है और पूजन सामग्री की बिक्री भी खुब हो रही है।
सुलतानपुर : कोरोना संक्रमण काल में इस बार बाजार का स्वरूप बदल दिया है। बढ़ी महंगाई के बीच आज से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र को लेकर बाजार सजे हुए हैं। श्रद्धालु भी पूजा सामग्री की खरीदारी में जुट गए है। उद्यमी व व्यापारियों को अब कोरोबार बढ़ने की उम्मीद बनी है।
शुक्रवार को शहर के चौक, घंटाघर, पारकींसगंज, ठठेरी बाजार, शाहगंज, बाधमंडी, अस्पताल रोड, लखनऊ नाका आदि इलाकों में सुबह से ही पूजन सामग्रियों के स्टॉल सजे रहे। नवरात की तैयारियों को लेकर लोगों ने भी पूजन सामग्री, नारियल, चुनरी, कलश आदि की लोगों ने जमकर खरीद-फरोख्त की। मां की अगवानी में कोई कमी न रह जाए इसके लिए भक्त कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते है।
देवी मंदिरों में तैयारियों को दिया गया अंतिम रूप : शुक्रवार को दिनभर देवी मंदिरों में साज-सज्जा का काम चलता रहा। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों में भक्तों की ज्यादा भीड़ जुटाने पर बंदिश है। शहर के पल्टन बाजार स्थित देवी मंदिर, सीताकुंड घाट, गायत्री प्रज्ञा पीठ, नैना माता मंदिर, मेजरगंज स्थित काली माता मंदिर में दिनभर सफाई व रंग-रोगन का कार्य हुआ।
दिन भर गुलजार रहे नगर के बाजार : जीएन रोड के व्यापारी बिदू पांडेय ने बताया कि इस बार पितृ पक्ष व अधिक मास के चलते बाजार काफी सुस्त रहा है। ग्राहकों के लिए दुकानदार तरस रहे थे। नवरात्र को लेकर काफी तैयारी की है। ग्राहकों के आने से राहत मिली है। त्योहारों का सीजन शुरू होते ही बाजार के चढ़ने की उम्मीद है।
वहीं गल्लामंडी के व्यापारी दिनेश गुप्ता ने कहा कि दुकानदार पूजा के साथ अल्पाहार में प्रयोग होने वाला कूटू का आटा, सिघाड़े का आटा, मेवा आदि सामग्री इस समय खबू बिक रही है। अब ग्राहकों की संख्या बढ़ने से बाजार में रौनक दिख रही है।
किराना मंडी के व्यापारी मनोज कसौंधन कोरोना संक्रमण के चलते ठंडा पड़ा बाजार अब जोर पकड़ने लगा है। और दिन की अपेक्षा आज अच्छी दुकानदारी हुई है। अब आगे दशहरा व दीपावली है। इससे बहुत उम्मीद बंधी है।
वहीं शाहगंज के व्यापारी अनुराग कसौंधन ने कहा कि त्योहारों की श्रृंखला शुरू हो चुकी है। संक्रमण के चलते काफी दिनों से बाजारों से उद्योग ठप पड़े थे। मां भगवती के आगमन के साथ बाजारों में मंदी का दौर समाप्त हो रहा है। लोग घरों से निकल रहे हैं और जरूरत के मुताबिक खरीदारी कर रहे हैं।
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