गंदगी व नगर पालिका परिषद में चोली-दामन का साथ
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संवादसूत्र, सुलतानपुर : प्रेम अंधा होता है। वह कोई सुंदरता, गुण नहीं देखता। दूसरों का आदेश सुनता जरूर है, लेकिन उसे मानता नहीं। उसका दिल जो करता है वही करता है। इस मद में एक कहावत भी है कि दिल आया गधी पर तो परी क्या चीज है..यह लाइन नगर पालिका परिषद पर बिल्कुल सटीक बैठती है। शहर में व्यापक गंदगी को देखकर लगता है कि नगर पालिका को गंदगी से मोहब्बत हो गई है। या यूं कहें कि नगर पालिका व गंदगी में चोली-दामन का साथ है। यही वजह है कि शहर में साफ-सफाई के सारे अभियान व कोशिशें ध्वस्त हो रही हैं। केंद्र सरकार की ओर से चलाया जा रहा स्वच्छ भारत अभियान भी नगर पालिका का गंदगी के प्रति पैदा हुए अगाध प्रेम की ज्वाला को बुझा नहीं पा रहा है। शहरवासी परेशान हो रहे हैं। गंदगी हावी है। सिर्फ शहर की सड़कों व चौराहों एवं गलियों मे ही गंदगी नहीं है, बल्कि नाले भी बजबजा रहे हैं। हथियानाला, गंदानाला, गभड़िया और करौंदिया नाला सब चोक हैं। बढ़ैयावीर मोहल्ले में आबादी के बीच खुला नाला है, जो प्लास्टिक के डिस्पोजल और कूड़े से पूरी तरह पट गया है। बीते एक वर्ष से नाले की सफाई नहीं हो सकी। पारकीसगंज, निरालानगर, करौंदिया, विवेकनगर, आदर्शनगर, ओमनगर आदि मोहल्लों की नालियां टूटी होने की वजह से गंदा पानी सड़कों पर बहता है। शहरी स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत 4 से 31 जनवरी तक विशेष साफ-सफाई के तहत होने वाले कार्यों पर सूबे में नगर परिषद की रै¨कग तय होगी। इसके बावजूद पालिका प्रशासन सजग नहीं दिख रहा है।
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साफ-सफाई के लिए कर्मचारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। बड़े नालों की सफाई जल्द कराई जाएगी।
रवींद्र कुमार अधिशासी अधिकारी नपा