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जिले में एक हजार से अधिक विवेचना लंबित

सुलतानपुर : जनपद के विभिन्न थानों में 1015 ऐसे लंबित मामले हैं, जिनकी अभी तक पुलिस विवेचना ह

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 11:51 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 11:51 PM (IST)
जिले में एक हजार से अधिक विवेचना लंबित
जिले में एक हजार से अधिक विवेचना लंबित

सुलतानपुर : जनपद के विभिन्न थानों में 1015 ऐसे लंबित मामले हैं, जिनकी अभी तक पुलिस विवेचना ही नहीं कर सकी है। कई मामले तो ऐसे हैं, जिनमें 11 साल बाद भी पुलिस जांच नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है। वह मुख्य आरोपितों को तलाश भी नहीं पाई। उनकी फरारी की चार्जशीट दाखिल कर पुलिस ऐसे मामलों को ठंडे बस्ते में छोड़ देती है। लिहाजा पीड़ित इंसाफ की आस में वर्षों तक भटकते रहते हैं। एक ऐसे ही मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट द्वारा 90 दिन के अंदर विवेचना पूरी नहीं कर पाने पर जब पुलिस को फटकार लगी व सभी थानों में ऐसे लंबित मामलों के ऑडिट का निर्देश दिया तो पीड़ितों को न्याय की उम्मीद जाग गई।

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थानावार यह है स्थिति : लंबित मामलों में से 82 केस 90 दिन से ज्यादा समय से पें¨डग हैं। सर्वाधिक 228 विवेचना कोतवाली नगर में लंबित हैं। लम्भुआ कोतवाली में 127, कुड़वार 76, जय¨सहपुर 66, कादीपुर 65, गोसाईंगंज 63, चांदा 62, कोतवाली देहात 57, कूरेभार 57, बल्दीराय 38, मोतिगरपुर 38, दोस्तपुर 32, धम्मौर 31, हलियापुर 29, करौंदीकला 18, अखंडनगर 14 व महिला थाने में 14 मामलों की विवेचना लंबित है। पुलिस की लापरवाही से एक दशक से भी अधिक समय से मानसिक पीड़ा झेल रहे सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित छात्रा के परिवारीजन के चेहरों पर भी चमक आ गई है। उच्च न्यायालय के रुख से अब उन्हें यह भरोसा हो गया है कि पुलिस आरोपितों को सलाखों के पीछे पहुंचाएगी।

केस1-कूरेभार थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी नाबालिग छात्रा का 20 मार्च 2007 को कॉलेज के ही बस चालक व उसके भाई ने अपहरण कर लिया था। उसे बंधक बनाकर आठ माह तक सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पीड़िता के पिता ने कुड़वार थानाक्षेत्र के कमालपुर निवासी बस चालक जाकिर हुसैन, चांद, अझुई निवासी गुड्डू व बल्दीराय थानाक्षेत्र के नियावां निवासी आजाद समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। 6 नवंबर 2007 को आजाद के घर से छात्रा बरामद हुई। 16 जनवरी को पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। जिसमें चांद व गुड्डू की तलाश जारी होने की बात कही गई। करीब 11 साल बीत गए, पुलिस की तलाश पूरी नहीं हो सकी है।

केस 2 - चर्चित जैसराज हत्याकांड में पुलिस की विवेचना एक साल बाद भी बेनतीजा है। लोनिवि में कार्यरत जैसराज की गत वर्ष 30 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनका शव कोतवाली नगर क्षेत्र के पांचोंपीरन में गोमती नदी के किनारे पड़ा मिला था। मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। कोर्ट के आदेश से उनकी पत्नी प्रेमा देवी व अन्य परिवारीजनों में न्याय की उम्मीद जगी है।


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