दवा विक्रेताओं को रखना होगा क्षय रोगियों का ब्यौरा
संवादसूत्र, सुलतानपुर : एंटी टीबी दवाओं की बिक्री व उपयोग को नियंत्रित करने के लिए दवा विक्र
संवादसूत्र, सुलतानपुर : एंटी टीबी दवाओं की बिक्री व उपयोग को नियंत्रित करने के लिए दवा विक्रेताओं की जवाबदेही तय की गई है। इस गंभीर समस्या को जड़ से समाप्त करने में केमिस्टों को अपना योगदान सुनिश्चित कराना होगा। मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने वाले क्षय रोगियों का ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज कर इसकी सूचना हर महीने जिला क्षय रोग अधिकारी व औषधि निरीक्षक को देना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें लापरवाही बरतना अब दवा विक्रेताओं को भारी पड़ सकती है।
पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 13 एंटी टीबी दवाओं को शेड्यूल-एच-1 में शामिल किया गया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने नवंबर 2017 में इन दवाओं की बिक्री का पूर्ण विवरण रजिस्टर में दर्ज करने का निर्देश जारी किया था। एक साल बीत गए जिले के केमिस्टों ने क्षय रोगियों का विवरण डीटीओ को नहीं उपलब्ध कराया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.सीबीएन त्रिपाठी ने मंगलवार को औषधि विक्रेता संघ के पदाधिकारियों व नगर के प्रमुख दवा व्यवसायियों की बैठक बुलाकर राजकीय टीबी क्लीनिक के सभाकक्ष में कहा कि टीबी की दवाओं के अनियंत्रित इस्तेमाल से प्रतिरोधी टीबी (एमडीआर व एक्सडीआर) रोगियों की संख्या बढ़ रही है। इसे रोकने में दवा विक्रेताओं की भूमिका बेहद अहम है। औषधि निरीक्षक अनीता कुरील ने महीने की 25 तारीख तक निर्धारित प्रारूप पर टीबी के मरीजों का ब्यौरा दर्ज कर उन्हें सूचित करने का निर्देश दिया है। डीटीओ डॉ.अमिताष मिश्रा, डीपीएम सौमित मिश्रा, डॉ.वीके शर्मा, डॉ.आदित्य दूबे, सुरेश कुमार, मेडिकल एसोसिएशन के योगेश कुमार बरनवाल, पवन कुमार पांडेय, योगेश पांडेय, अंजनी जायसवाल, संतोष ¨सह व सुशील जायसवाल आदि मौजूद रहे।