तेलंगाना में श्वान को मौत देने पर मेनका गांधी खफा, दर्ज कराई FIR-चार अधिकारी निलंबित
78 बेजुबानों को दफनाने पर दर्ज कराई एफआइआर। 40 को जहर देकर मारे जाने की पुष्टि पर मामले ने पकड़ा तूल।
सुल्तानपुर, जेएनएन। प्रकृति से अथाह लगाव व वन्य जीव-जंतुओं से बेहद प्रेम रखने वाली मेनका गांधी ने तेलंगाना के विकाराबाद में 40 श्वानों की हत्या किए जाने व सिड्डीपेट में 78 को दफनाए जाने पर सख्त रुख अख्तियार किया है। दोनों ही मामलों में उनके द्वारा एफआइआर दर्ज कराए जाने के बाद म्युनिसिपैलिटी के आरोपित चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
सुल्तानपुर के तीन दिवसीय दौरे पर आई मेनका गांधी ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। उनके सख्त रवैये से तेलंगाना में मामले ने तूल पकड़ लिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हो गया है कि विकाराबाद में म्युनिसिपैलिटी द्वारा 40 श्वानों को जहर देकर मारा गया था। इस मामले में गत 19 जून को मेनका ने आरोपितों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कराई थी।
सिड्डीपेट में 78 बेजुबानों को गड्ढा खोदकर मिट्टी में दफन किए जाने की क्रूरता की सूचना भी उन्हें मिली थी। दोनों ही मामलों में आरोपितों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी। मंगलवार को डीएम ने उन्हें फोनकर बताया कि चार आरोपितों को निलंबित कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। वह चाहती हैं कि सभी आरोपितों को क्रूर हत्या के जुर्म में सजा दी जाए।
सुल्तानपुर का लकी पहुंचा दिल्ली
मई में चुनावी प्रचार के दौरान मेनका गांधी को संसदीय क्षेत्र में श्वान का एक बच्चा पैरालाइज्ड होकर तड़पता दिखा। उन्होंने अपना काफिला रोकवाया और उसे गोद में लेकर अपने अस्थायी आवास ले आई। स्वयं उसके पैर का कीड़ा निकाला। फिर उसे इलाज के लिए बरेली भेजवाया, जहां से ठीक होने के बाद वह मेनका गांधी के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर है। अब वह स्वयं चल फिर सकता है। उन्होंने इसका नाम लकी रखा है और उसके ठीक होने का एक वीडियो भी शेयर किया है। इसी तरह जिले में घायल एक गधे को भी उन्होंने सुलतानपुर से बरेली इलाज के लिए भेजवाया था। प्रकृति व वन्य जीवों के प्रति उनका यह प्रेम हर किसी को भा रहा है।
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