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अमहट-हसनपुर में निकला अलम का जुलूस

संवादसूत्र, सुलतानपुर : मुहर्रम की 10वीं तारीख ज्यों-ज्यों करीब आती जा रही है, त्यों-त्यों

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 10:48 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 10:48 PM (IST)
अमहट-हसनपुर में निकला अलम का जुलूस
अमहट-हसनपुर में निकला अलम का जुलूस

संवादसूत्र, सुलतानपुर : मुहर्रम की 10वीं तारीख ज्यों-ज्यों करीब आती जा रही है, त्यों-त्यों मजलिसों के दौर भी तेज होते जा रहे हैं। रविवार को अमहट एवं हसनपुर में अलम का जुलूस निकाला गया। नौहाख्वानी व सीनाजनी करके अकीदतमंदों ने हुसैन व जंग-ए-कर्बला के 72 शहीदों को अकीदत पेश की। वहीं मजलिसों में कर्बला का मंजर मौलाना ने सुनाया तो लोग फफक पड़े।

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चौथी मुहर्रम पर ऊंचवा के इमामबाड़े में आयोजित मजिलस के दौरान मौलाना हयात नकवी बिजनौरी ने तकरीर की। जब हुसैन के सारे साथी शहीद हो गये तो वह नौजवान हजरत इमाम हुसैन के पास आया और कहा बाबा मुझे मरने की इजाजत दीजिए। हुसैन अपने उस बेटे को बहुत चाहते थे। बेटे को गले से लगाकर बहुत देर तक रोते रहे। इसके बाद बेटे को रुखसत किया। हुसैन के बेटे का नाम अली अकबर था। बेटा जंग करते-करते शहीद हो गया। उधर, अमहट व हसनपुर में चौथी मुहर्रम पर अलम का जुलूस निकाला गया। जिसमें मुकामी व मेहमान अंजुमनों ने मार्मिक नौहे पढ़े। चारों ओर या हुसैन..या हुसैन. की सदाएं गूंज उठीं।


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